बिना तेरे | हिंदी कविता

संदीप कुमार कटारिया की कविता

बिना तेरे | संदीप कुमार कटारिया की कविता

संक्षिप्त परिचय: प्रेम में बिछड़ना, अपने प्रेम के बिना रहना, उन्हें भूलने की कोशिश करना पर फिर भी ना भूल पाना – बस ऐसे ही दर्द को बयाँ करती है यह कविता ‘बिना तेरे’।

बिना तेरे अब हमसे
और अकेले जिया नहीं जाता ।
तुम्हें भूल जाने का गुनाह भी तो
हमसे किया नहीं जाता।
माना कि मेरे इश्क़े- इज़हार से
परेशाँ रहने लगे हो तुम;
पर अपनी पाक मोहब्बत को
गुनाह, हमसे कहा नहीं जाता ।

सीने में चुभन, आँखों में तड़प,
दिल में बेक़रारी रहती है;
इस हिज़्र का दर्द हमसे
अब और सहा नहीं जाता ।

हमें तेरी आँखों की झलकती
मय की हसरत है साक़ी;
यूँ मयख़ाने के जाम को
अब लब से छुआ नहीं जाता ।

दिल में हर वक्त
तेरे ही ख़्याल उठते रहते हैं;
अब तेरे सिवा इस दिल में
कोई और नहीं समाता ।

रंगी, चमकते, बनावटी चेहरे
बहुत देखे हमने, पर;
इनमें कोई तुझसा बेदाग़ अक्स
दूसरा नज़र नहीं आता ।

तेरी इक झलक पाने को
घंटों बेताब खड़े रहते हैं हम;
तुझे देखे बिना तो
तेरी गली से भी गुज़रा नहीं जाता ।

रोने का मन तो करता है,
पर आँसू वहीं सूख जाते -‘दीप;
आँखों में बसी तेरी तस्वीर को
अश्क़ से धोया नहीं जाता ।

बिना तेरे अब हमसे
और अकेले जिया नहीं जाता ।
तुम्हें भूल जाने का गुनाह भी तो
हमसे किया नहीं जाता ।


कैसी लगी आपको प्रेम में दूरियों का दर्द बयाँ करती यह कविता ‘बिना तेरे’ ? कॉमेंट में ज़रूर बताएँ और लेखक को भी प्रोत्साहित करें।
संदीप कटारिया के बारे में जानने के लिए पढ़ें


पढ़िए यह कविता ‘बिना तेरे’ जैसी ही और कविताएँ :

  • तुम्हारे इंतज़ार में: कवि उपकार सारांश की यह कविता एक छोटी सी कविता है ‘इंतज़ार’ पर।
  • हृदय वेदना: अनिल पटेल जी की यह हिंदी कविता विरह वेदना पर है। वे इस कविता में नायक और नायिका के बीच में विरह की वेदना की व्याख्या कर रहे हैं।
  • तुम न आए: ‘तुम न आए’ एक हिंदी कविता है जिसे कवि ज़ुबैर खाँन ने लिखा है। यह एक प्रेम कविता है जिसमें कवि अपने प्रेम का इंतज़ार कर रहे हैं।

पढ़िए संदीप कटारिया जी की लिखी हुई कहानियाँ:

  • दहेज एक मज़ाक : दहेज प्रथा समाज में एक कुरीति बन गयी है, इसके ख़िलाफ़ कई क़ानून होने के बावजूद भी लोग हैं जो इसको ग़लत नहीं समझते। ऐसे ही एक परिस्थिति पर है यह हिंदी लघुकथा ।
  • जंगल में चुनाव : यह एक व्यंगात्मक लघुकथा है। है तो छोटी, पर एक दिलचस्प अन्दाज़ में आप को कुछ बड़े पहलू ज्ञात करा देगी।

अगर आप भी कहानियाँ या कविताएँ लिखते हैं और बतौर लेखक आगे बढ़ना चाहते हैं तो हमसे ज़रूर सम्पर्क करें storiesdilse@gmail.com पर। आप हमें अपनी रचनाएँ यहाँ भी भेज सकते हैं: https://storiesdilse.in/submit-your-stories-poems/


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2 thoughts on “

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संदीप कुमार कटारिया की कविता

    1. 😊😊🙏🙏.. storiesdilse.in के साथ रहने के लिए आपका धन्यवाद

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