सजल नयन | कविता हिंदी में | short poem in hindi

कवि प्रभात शर्मा की रचना | written by Prabhat Sharma

सजल नयन | कविता हिंदी में | short poem in hindi

संक्षिप्त परिचय: कवि प्रभात शर्मा जी की यह सुंदर रचना उस क्षण का विवरण करती है जब हम अपने अंत:करण के प्रेम का सत्य समझ लेते हैं। पढ़िए यह कविता हिंदी में:

सजल नयन, अरूणाभ वलय
में , निरखी निज -छवि,
आलोकित जग, झंकृत तन-मन ।
पतित अश्रु-जल के कण-कण
में, पाया संचित नवल प्रेम-धन ।।
अद्भुत था, अनुभूत नहीं था ,
दिव्य, अलौकिक था वह पलछिन ।
प्रेमाम्बु – संतृप्त हुआ था ,
तब मेरा यह दुर्लभ जीवन ।।

कवि के बारे में जानने के लिए पढ़ें यहाँ ।

कवि प्रभात शर्मा की अन्य हिंदी में कविताएँ:

पढ़िए उनकी कविताएँ :

  1. स्वर्ण-प्रकाश: प्रकृति पर उत्कृष्ट कविता ।
  2. एक भावांजलि दिवंगत को: दिवंगत को भावांजलि देती हुई एक कविता।
  3. एक भावांजलि….. हिन्दी भाषा को : हिंदी दिवस पर यह कविता – हिंदी भाषा की विशेषताओं का सुंदरता से वर्णन करती है।

चित्र के लिए श्रेय: geralt-9301

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