एक भावांजलि दिवंगत को

कवि प्रभात शर्मा की कविता | a short hindi poem written by Prabhat Sharma

एक भावांजलि दिवंगत को । कवि प्रभात शर्मा की कविता | Ek Bhaavaanjali Divangat ko । A short poem in Hindi written by Prabhat Sharma

मन के दरवाजे खोले रखो ,
यादों की हवाएं आने दो ।
ये ही हैं सहारा जीवन में ,
इनको मुझ में रम जाने दो ।।

घुल जांए प्राण , विश्वासों में ,
धीमी – धीमी इन श्वांसों में ।
उनका प्रेमाम्बु समा जाए ,
गतिहीन हुए उच्छ्वासों में ।।

आलोकित था तन-मन जिस से,
सुख-शांति ,कांति-धन वैभव से ।
मधुमय सी दृष्टि अलौकिक थी ,
अमृत-वाणी , मृदु वचनों से ।।

गुंजित चहुंदिश था जग-विलास ,
रंजित-मन , झंकृत-उर हुलास ।
एक दृष्टि-विपल ने ही यह सब,
विप्लवित किया तन-मन-जीवन ।।

हे कृपा करो प्रभु ! इतनी अब ,
मन शान्त करो, सब भ्रांति हरो ।
शाश्र्वत- शान्ति दो आत्मा को ,
और तन-मन को विश्रान्त करो ।।


कवि प्रभात शर्मा जी के बारे में जानने के लिए पढ़ें यहाँ ।

पढ़िए उनकी कविताएँ :

  1. स्वर्ण-प्रकाश: प्रकृति पर उत्कृष्ट कविता ।
  2. सजल-नयन: यह सुंदर कविता उस क्षण का विवरण करती है जब हम अपने अंत:करण के प्रेम का सत्य समझ लेते हैं।
  3. एक भावांजलि….. हिन्दी भाषा को : हिंदी दिवस पर यह कविता – हिंदी भाषा की विशेषताओं का सुंदरता से वर्णन करती है।

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