क्रिसमस का उल्लास | छोटी कविता

कवि योगेश नारायण दीक्षित की कविता

क्रिसमस का उल्लास | कवि योगेश नारायण दीक्षित की कविता | छोटी हिंदी कविता

संक्षिप्त परिचय: साल के आख़िरी माह दिसंबर और आने वाले नए साल की शुभकामनाएँ लिए यह छोटी सी हिंदी कविता ‘क्रिसमस का उल्लास’।

गुजरते दिसंबर में लौटे क्रिसमस का उल्लास
जनवरी की उम्मीद सा करें तुम्हारा इंतजार।

अगले साल वसंत में फिर उड़ेगी बिन डोर पतंग
फागुन से कुछ मस्ती लेकर तुम आना मेरे द्वार।

तुम बिन कैसे चढ़ेंगे अब मौसम के सब रंग
आना-जाना भरम है, शाश्वत बस तेरा प्यार।


कैसी लगी आपको क्रिसमस और नए साल पर यह कविता ? कॉमेंट कर के ज़रूर बताएँ और कवि को भी प्रोत्साहित करें।
इस कविता के लेखक योगेश नारायण दीक्षित जी के बारे में जानने के लिए पढ़ें यहाँ ।


पढ़िए योगेश नारायण दीक्षित जी की और कविताएँ:

  • बाजारों में तुम खूब चलोगे: इस दुनिया में कुछ चीजें क्यों होती हैं ये किसी को समझ नहीं आता। ऐसे ही कुछ पहलूओं पर व्यंग्य करती है ये व्यंग्यात्मक कविता ‘बाजारों में तुम खूब चलोगे’ ।
  • देर नहीं लगती: इस जीवन में हम अलग अलग तरह के लोगों से मिलते हैं और बात करते हैं। कभी कहीं सच देखते और सुनते हैं और कहीं झूठ। ऐसे ही जीवन के सच और झूठ पर यह कविता।
  • दिल कागज पर लिख लाया है: कभी अगर आपका दिल आपसे कुछ कहना चाहे, तो वो क्या कहेगा? कुछ ऐसे ही सवाल का जवाब देने की कोशिश कर रहे हैं कवि अपनी कविता ‘दिल कागज पर लिख लाया है’ के माध्यम से।
  • इतना कैसे कर लेते हो : योगेश नारायण दीक्षित जी की जीवन पर यह कविता, जीवन के कुछ अजीब तथ्यों को सरलता से प्रस्तुत करती है।
  • लॉकडाउन आदमीयोगेश नारायण दीक्षित जी यह कविता लॉकडाउन में भारत के एक आम आदमी की लॉकडाउन में हो रही हालत को बयाँ करती है|
  • योगेश #दोलाईना #यूंही : योगेश नारायण दीक्षित जी यह कविता बदलती दुनिया में बदलते लोगों पर गौर करती है।

अगर आप भी कहानियाँ या कविताएँ लिखते हैं और बतौर लेखक आगे बढ़ना चाहते हैं तो हमसे ज़रूर सम्पर्क करें storiesdilse@gmail.com पर। आप हमें अपनी रचनाएँ यहाँ भी भेज सकते हैं: https://storiesdilse.in/submit-your-stories-poems/


PC: Mathilde Langevin

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