योगेश #दोलाईना #यूंही

कवि योगेश नारायण दीक्षित जी की रचनाएँ written by yogesh narayan dixit

योगेश #दोलाईना #यूंही | Yogesh #2lines #yun hi

घर की दीवाराें काे मैंने जब से आईना बना दिया
न जाने कितनों ने फिर आना-जाना छाेड़ दिया।

इन्द्रधनुष के सातों रंग महफ़िल में भी सजते थे
एकरंगी दुनियादारी ने उन नातों को तोड़ दिया।

कुदरत की फितरत होती नए सुरों को रचने की
बंद दीवारों की बंदिश में तुमने गाना छोड़ दिया।

कितना डर है किससे डर है नापतौल तो कर लेते
आना जाना नहीं रुकेगा सो पछताना छोड़ दिया।

ता ता थैया कर लो भैया दो दिन ही खेल चलेगा
जिसने देखा नूर चांद का उसने रोना छोड़ दिया।


कवि योगेश नारायण दीक्षित जी के बारे में और जानने के लिए पढ़ें यहाँ: कवि योगेश नारायण दीक्षित

पढ़िए उनकी एक और कविता यहाँ: लॉक्डाउन आदमी


चित्र के लिए श्रेय: FotoArt-Treu-796002

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