98 गुण + 2 अवगुण | काका हाथरसी की हास्य कविता

98 Gun + 2 Avgun | A humorous poem by Kaka Hathrasi

98 गुण + 2 अवगुण | काका हाथरसी की हास्य कविता | 98 Gun + 2 Avgun | A humorous poem by Kaka Hathrasi

संक्षिप्त परिचय: काका हाथरसी की यह हास्य कविता पति के गुणों पर है। यह छोटी सी कविता हम
को तो भा गयी। आप भी पढ़िए और बताइए आपको कैसी लगी।

कौन नारी जिसको मिला, पति सौ गुण सम्पन्न ।
प्रश्न सुशीला ने किया,  शीला हुई प्रसन्न ।।
शीला हुई प्रसन्न, एक मेरे प्रियतम हैं ।
सौ मे से उन में केवल , दो ही गुण कम हैं ।।
पहला अवगुण , कामकाज कुछ नहीं जानते ।
दूजा यह , वे बात किसी की नहीं मानते ।।


काका हाथरसी के बारे में और जानने के लिए पढ़िए यहाँ: कवि काका हाथरसी

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