प्रकृति🌿🍃 हमारी माता है | हिंदी कविता

उषा रानी की कविता | A Hindi Poem by Usha Rani

प्रकृति हमारी माता है | उषा रानी की कविता | प्रकृति पर कविता

संक्षिप्त परिचय: है तो मनुष्य भी प्रकृति का अंश ही, पर आज कुछ ऐसी स्थिति हो गयी है कि वही मनुष्य प्रकृति का दुश्मन लगता है। ऐसे में ज़रूरी है कि सब समझें प्रकृति का महत्व। यही पहलू उठाती है कवयित्रि उषा रानी की प्रकृति पर यह कविता ।

प्रकृति हमारी माता है,
जीवन भर का नाता है।
उसी से जन्म है हमारा,
मर कर उसी में मिलना।
पल पल करती पोषण,
सब आहार🍳🍎🍌🍒
देती हमको इसी से जीना,
शुद्ध हवा करके देती,
आओ इसे संवारें हम।।

प्रकृति हमारी माता है,
जीवन भर का नाता है।
बिना प्रकृति के लगता सूना,
न ही सजता कोई कोना।
उजड़ा उजड़ा खंडहर जैसा,
जैसे भूतों का बना डेरा।।

आओं इसे हम चमकाये,
प्यार से इसे हम संवारें।
प्रकृति हमारी माता है,
जीवन भर का नाता है।।

प्रकृति के आंगन में खिलती,
सुन्दर कलियों की फुलवारी।
चिड़िया चीं चीं गाती आकर,
पक्षियों का वही होता बसेरा।
सूरज रोज उजाला फैलाता,
हवा, पानी को शुद्ध करता,
हम भी अपना कर्तव्य निभाते।।

प्रकृति🌿🍃 हमारी माता है,
जीवन भर का हमारा नाता है।।

स्वरचित कविता
उषा रानी पुंगलिया जोधपुर राजस्थान


कैसी लगी आपको प्रकृति पर यह कविता ? कॉमेंट कर के ज़रूर बताएँ और कवयित्री को भी प्रोत्साहित करें।


कविता की लेखिका उषा रानी के बारे में जानने के लिए पढ़ें यहाँ 


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प्रकृति🌿🍃 हमारी माता है | हिंदी कविता

उषा रानी की कविता | A Hindi Poem by Usha Rani

  1. आपकी लिखी रचना “पांच लिंकों का आनन्द में” शनिवार 07 मई 2022 को लिंक की जाएगी …. http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा … धन्यवाद! !

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