जीवन साथी पुस्तकें | एक कविता

उषा रानी की कविता | A Hindi Poem by Usha Rani

जीवन साथी पुस्तकें | उषा रानी की कविता

संक्षिप्त परिचय: पुस्तक – एक ऐसी वस्तु है जिस की तुलना एक जीवन साथी से भी हो जाती है। सिर्फ़ जीवनसाथी ही नहीं इसे कई और नाम भी दिए गए हैं। पुस्तकों का ही महत्व समझाती है, उषा रानी जी की यह कविता ‘ जीवन साथ पुस्तकें ‘ है।

पुस्तक ज्ञान का माध्यम होती हैं,
प्रारंभ से लेकर अंत तक शिक्षामित्र की तरह हर पल
साथ निभाती हैं पुस्तकें ।
पुस्तकों में ही ज्ञान का भंडार भरा,
ज्ञान – विज्ञान से परिचित कराती,
धर्म – कर्म का पाठ पढ़ाती,
गीता, रामायण या महाभारत
सत्य कर्म की राह दिखाती ।
इतिहास के पन्नों में छिपी
वीरों की कहानियाँ सुनाती
वीरांगनाओं के आर्दश दर्शाती,
स्वाभिमान का पाठ पढ़ाती ।
सच ही कहा जाता है कि
पुस्तकें हमारी जीवन साथी,
अकेलेपन की सच्ची साथी,
बुध्दि विवेक का पाठ पढ़ाती
पुस्तकें मनमीत- सी प्यारी
हमारा मनोरंजन करती हर पल, हमें अनुशासित करती हर पल,
बीमार मन की औषधि होती,
सुख- दु:ख में समान रहना सिखाती हैं पुस्तकें ।
अगर पुस्तकें न होतीं,
अंधकार में भटकते हम,
मानवता के विकास की
सच्ची राह दिखाती पुस्तकें
सच ही ज्ञान का भंडार पुस्तकें,
जीवन की सच्ची साथी पुस्तकें ।

स्वरचित कविता
उषा रानी पुंगलिया जोधपुर
राजस्थान


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कविता की लेखिका उषा रानी के बारे में जानने के लिए पढ़ें यहाँ 


पढ़िए उषा रानी जी की और कविताएँ:

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