तुम मत बदलना सखि | सखि सहेली पर कविता

उषा रानी जी की कविता | A Hindi Poem by Usha Rani

तुम मत बदलना सखि | उषा रानी जी की कविता | सखि सहेली पर कविता

संक्षिप्त परिचय: क्या आज आप को कुछ ठीक नहीं लग रहा है? क्या आप कुछ उदास हैं? आप भी पढ़िए और अपनी सखी सहेली को भी पढ़ाइए उषा रानी जी की यह कविता जो आपको ज़रूर अच्छा महसूस कराएगी।

तुम मत बदलना सखि,
उदास मत होना सखि.
मौसम चाहे जितने बदलते रहे,
हवायें रूख बदलती रहती,
तुम दृढ़ संकल्पित रहना
अपनी मंजिल पर पहुँचना ।
हिम्मत मत हारना सखि ।।

तुम मत बदलना सखि,
उदास मत होना सखि ।
कोई चाहे कितने खेल खेलें,
शतरंज की चालें चलें,
अपने पर विश्वास रखना,
कुदरत के रंग निराले ।
सपनों में रंग भरना सखि ।।

तुम मत बदलना सखि
उदास मत होना सखि ।
अपने को जानो पहचानो,
जीवन लक्ष्य को साधो,
मेहनत से मत घबराना,
अंधेरे में दीया जलाना ।
लक्ष्य तक पहुँचना सखि ।।

तुम मत बदलना सखि,
उदास मत होना सखि ।।

स्वरचित कविता
उषा रानी पुंगलिया जोधपुर राजस्थान


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कविता की लेखिका उषा रानी के बारे में जानने के लिए पढ़ें यहाँ 


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पढ़िए इंग्लिश में सहेली पर कविता :-

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