चंद्रधर शर्मा गुलेरी | Chandradhar Sharma Guleri

चन्द्रधर शर्मा ‘गुलेरी’ (१८८३ – १२ सितम्बर १९२२) हिन्दी के कथाकार, व्यंगकार तथा निबन्धकार थे।

इस थोड़ी-सी आयु में ही गुलेरी जी ने अध्ययन और स्वाध्याय के द्वारा हिन्दी और अंग्रेज़ी के अतिरिक्त संस्कृत प्राकृत बांग्ला मराठी आदि का ही नहीं जर्मन तथा फ्रेंच भाषाओं का ज्ञान भी हासिल किया था। उनकी रुचि का क्षेत्र भी बहुत विस्तृत था और धर्म, ज्योतिष इतिहास, पुरातत्त्व, दर्शन भाषाविज्ञान शिक्षाशास्त्र और साहित्य से लेकर संगीत, चित्रकला, लोककला, विज्ञान और राजनीति तथा समसामयिक सामाजिक स्थिति तथा रीति-नीति तक फैला हुआ था। उनकी अभिरुचि और सोच को गढ़ने में स्पष्ट ही इस विस्तृत पटभूमि का प्रमुख हाथ था और इसका परिचय उनके लेखन की विषयवस्तु और उनके दृष्टिकोण में बराबर मिलता रहता है।

पढ़िए उनकी कहानी यहाँ:
बुद्धु का काँटा: बुद्धु का काँटा, चन्द्रधर शर्मा गुलेरी जी द्वारा लिखी गयी एक नटखट प्रेम कहानी है जो आपको ले जाएगी पुराने समय में।साथ ही आपका दिल भी गुदगुदा देगी।


उक्त लेख हिंदी विकिपीडिया से लिया गया है।

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