इतना कैसे कर लेते हो । जीवन पर कविता

कवि योगेश नारायण दीक्षित की कविता | A poem written by Yogesh Narayan Dixit

इतना कैसे कर लेते हो । जीवन पर कविता | कवि योगेश नारायण दीक्षित की कविता | A poem written by Yogesh Narayan Dixit

संक्षिप्त परिचय: योगेश नारायण दीक्षित जी की जीवन पर यह कविता, जीवन के कुछ अजीब तथ्यों को सरलता से प्रस्तुत करती है।

पूरा जीवन जी लेते हो
इतना कैसे कर लेते हो।
पहले कहते घर छोटा है
फिर साँसों में रह लेते हो।।

बिन ऋतु बारिश बनकर
बूंद बूंद से हम बनते हो।
बिना बहाना बिना ठिकाना
कैसे मुझमें रह लेते हो।।
इतना कैसे कर लेते हो…

जहां परिंदे भी न पहुँचें
इतना ऊंचा उड़ लेते हो।
फिर मेरा मन रखने को
धूल में आकर खो लेते हो।।
इतना कैसे कर लेते हो…

प्रेम की डगर बनीं शूलों की
तुम फूलों सा खिल लेते हो।
इंतजार में जो गुजरी सदियाँ
एक पल में सब जी लेते हो।।
इतना कैसे कर लेते हो…

एक साँस से ज्यादा न कुछ
फिर धड़कन को क्यों गिनते हो।
पता मुसाफिर को मंजिल है
फिर इतना क्यों चल लेते हो।

इतना कैसे कर लेते हो
पूरा जीवन जी लेते हो।


कैसी लगी आपको जीवन पर यह कविता ? कॉमेंट कर के ज़रूर बताएँ और कवि को भी प्रोत्साहित करें।
इस कविता के लेखक योगेश नारायण दीक्षित जी के बारे में जानने के लिए पढ़ें यहाँ ।


पढ़िए योगेश नारायण दीक्षित जी की और कविताएँ:

  • लॉकडाउन आदमी: योगेश नारायण दीक्षित जी यह कविता लॉकडाउन में भारत के एक आम आदमी की लॉकडाउन में हो रही हालत को बयाँ करती है।
  • योगेश #दोलाईना #यूंही : योगेश नारायण दीक्षित जी यह कविता बदलती दुनिया में बदलते लोगों पर गौर करती है।

पढ़िए जीवन पर और कविताएँ:

  • यूँही लोग इक रोज: उपकार सारांश जी की हिंदी में लिखी यह कविता एक कटु सत्य उजागर करती है। ऐसा सत्य जो हमें पता भी है और जिस के बारे में हम सोचना भी नहीं चाहते ।
  • अजीब सी रात: यह हिन्दी कविता एक महत्वपूर्ण विषय पर प्रकाश डालती है – मानसिक स्वास्थ्य पर। हम सब मिल कर कैसे किसी की ऐसे में सहायता कर सकते हैं आइए जानते हैं इस कविता में।
  • चिंता का चिंतन: इस प्रेरणादायक कविता में कवि वर्तमान को श्रेष्ठ बनाने की प्रेरणा दे रहे हैं क्योंकि हमारा भविष्य हमारे वर्तमान पर ही निर्भर करता है ।

अगर आप भी कहानियाँ या कविताएँ लिखते हैं और बतौर लेखक आगे बढ़ना चाहते हैं तो हमसे ज़रूर सम्पर्क करें storiesdilse@gmail.com पर। आप हमें अपनी रचनाएँ यहाँ भी भेज सकते हैं: https://storiesdilse.in/submit-your-stories-poems/


PC: Vlad Panov

 1,115 total views

Share on:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *