मुरझाया फूल | Subhadra Kumari Chauhan short poem in Hindi

Murjhaya Phool | सुभद्रा कुमारी चौहान की कविता हिंदी में

मुरझाया फूल | Subhadra Kumari Chauhan short poem in Hindi | Murjhaya Phool | सुभद्रा कुमारी चौहान की कविता हिंदी में | Subhadra Kumari Chauhan short poem in Hindi

संक्षिप्त परिचय: कविता का नाम है मुरझाया फूल। यह कविता पहली बार ‘मुकुल’ नाम के कविता संग्रह में प्रकाशित हुई थी।
यह सुभद्रा कुमारी चौहान की हिंदी में कविता (Subhadra Kumari Chauhan short poem in Hindi) — मुरझाए फूलों के लिए सही बर्ताव की प्रेरणा देती है।


यह मुरझाया हुआ फूल है,
इसका हृदय दुखाना मत।
स्वयं बिखरने वाली इसकी
पंखड़ियाँ बिखराना मत।

गुजरो अगर पास से इसके
इसे चोट पहुँचाना मत।
जीवन की अंतिम घड़ियों में
देखो, इसे रुलाना मत।

अगर हो सके तो ठंडी
बूँदें टपका देना प्यारे!
जल न जाए संतप्त-हृदय
शीतलता ला देना प्यारे!!


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