रोहताश वर्मा जी नोहर (हनुमानगढ़), राजस्थान के रहने वाले हैं। उन्होंने ‘हिंदी साहित्य’ में B.Ed. और M.A. किया हुआ है।
पढ़िए उनकी कविता:
- कटोरे में जल | जल पर कविता : आज जब पानी की कमी एक समस्या बन के उभर रही है – इसका प्रभाव सिर्फ़ मनुष्यों पर ही नहीं, और जीव जंतुओं पर भी पड़ रहा है। इतने में एक कटोरे में जल भर के रख देने का महत्व समझाती है रोहताश वर्मा ‘मुसाफिर’ की यह कविता।
- मैं अपराधी हूँ | एक हिंदी कविता : आख़िर क्या है अपराध? कौन होता है अपराधी? किसे मिलनी चाहिए सजा? कुछ ऐसे सवाल उठाती पर साथ में ही प्रेरणा देती हुई है रोहताश वर्मा ‘मुसाफ़िर’ जी की यह कविता ‘मैं अपराधी हूँ’ ।
- रेत का घर: इस जीवन का क्या अर्थ है? और क्या हम जो कर रहे हैं वह सही है? ये दो बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न हैं परंतु क्या हम इनके उत्तर खोज पाते हैं? कुछ ऐसा ही कहना चाह रहे हैं कवि अपनी कविता ‘रेत का घर’ में।
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