भारत के सर्वश्रेष्ठ कहानीकारों में से एक – मुंशी प्रेमचंद जी की सुप्रसिद्ध कहानियां प्रस्तुत हैं आपके पढ़ने के लिए यहाँ। आप इन्हें हमारे youtube channel पर सुन भी सकते हैं।
मुंशी प्रेमचंद के बारे में :
मुंशी प्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई 1880 को हुआ था। उनका हिंदी साहित्य में योगदान इतना बड़ा था की उन्हें ‘उपनस्यास सम्राट’ कहा जाने लगा।
प्रेमचंद उनका उपनाम था। उनका असल नाम धनपत राय श्रिवास्तव था। उनकी रचनाओं में एक दर्जन से अधिक उपन्यास, लगभग 300 लघु कथाएँ, कई निबंध और कई विदेशी साहित्यिक कृतियों का हिंदी में अनुवाद शामिल हैं। यहाँ हम प्रस्तुत कर रहे हैं मुंशी प्रेमचंद की कहानियां जो समाज के रीति रिवाज़ और चाल चलन पर टिप्पणियां करती हैं।
मुंशी प्रेमचंद की कुछ सुप्रसिद्ध कहानियों के लिंक नीचे दिए गए हैं :-
- कौशल : अजीब ही है पति-पत्नी का रिश्ता। इसमें हंसी भी है रुदन भी। लड़ाई भी है मिलन भी। सुख भी है दुःख भी। पर फिर भी एक दूसरे के साथ रहें तभी रिश्ता पूरा है। फिर जब पति, पत्नी की कोई तीव्र इच्छा पति पूरी नहीं करता तो पत्नी को क्या करना पड़ता है? जानिए मुंशी प्रेमचंद जी की कहानी कौशल में।
सुनिए यह कहानी youtube पर यहाँ। - कफ़न : मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखी गयी ‘कफ़न’, एक छोटी कहानी है। यह कहानी २ गरीब आदमियों की ज़िंदगी के एक दिन पर आधारित है। ये २ लोग बहुत आलसी हैं और काम करना भी नहीं चाहते। यह इसीलिए कि काम करने वाले लोग भी बुरी हालत में ही होते हैं। तो ये थोड़ा बहुत खा पी कर ही खुश रहते हैं।
- आत्माराम : महादेव को सबसे प्यारा अपना तोता आत्माराम है। परंतु एक दिन महादेव का जीवन बदल जाता है उसके आत्माराम के लिए प्रेम की वजह से ही। जानिए ऐसा क्या घटित हो जाता है एक ही दिन में – मुंशी प्रेमचंद की कहानी आत्माराम में ।
- राष्ट्र का सेवक : राष्ट्र का सेवक, मुंशी प्रेमचंद जी की कहानी, बहुत ही सरल ढंग से एक महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाती है । यह दर्शाती है कि कभी कभी लोग जो उपदेश देते हैं उसका पालन कर पाना खुद उनके लिए कठिन होता है ।
सुनिए यह कहानी youtube पर यहाँ। - आत्म-संगीत : क्या होता है जब एक बड़े देश की रानी भक्ति में लीन हो जाती है ? क्या है आत्म-संगीत ? क्या है सुख ? इन्हीं सब के इर्द-गिर्द घूमती प्रेमचंद की कहानी ‘आत्म-संगीत’ प्रस्तुत है आपके पढ़ने के लिए ।
सुनिए यह कहानी youtube पर यहाँ। - ठाकुर का कुआं : पढ़िए इस कहानी में जो बताती है की कैसे प्राचीन काल में लोग शूद्र होने पर अपने आप को समाज में कितना छोटा जान कर अपना जीवन व्यतीत करते थे और जमींदार उन पर अपना मालिकाना हक जमा कर कैसे उनका उपयोग करते थे और शूद्र लोगों में कैसे डर का माहौल पैदा कर उनका अनादर करते थे।
- विजय : आजादी, स्वतंत्रता सभी को भाति है। लेकिन इस आजादी का महत्व वही जनता है, जिसने गुलामी का दर्द देखा हो। ऐसा कैसे? जानने के लिए पढ़िए मुंशी प्रेमचंद की ये कहानी। आप यह कहानी youtube पर भी सुन सकते हैं यहाँ।
- शंखनाद : गुमान यह नहीं समझता कि उसके लिए जीवन में कुछ कार्य करना ज़रूरी है । पर अचानक कुछ ऐसा होता है कि उसके लिए सब बदल जाता है। ऐसा क्या होता है ? जानने के लिए पढ़िए मुंशी प्रेमचंद की ये कहानी ।
टिप्पणी – मुंशी प्रेमचंद की यह कहानियां हम आप तक ला पाए archive.org की मदद से।
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