दीपावली | हिंदी कविता

सुन्दरी अहिरवार की कविता | A Hindi poem by Sundari Ahirwar

दीपावली | हिंदी कविता | सुन्दरी अहिरवार की कविता | A Hindi poem by Sundari Ahirwar |

संक्षिप्त परिचय: सुंदरी अहिरवार की यह कविता दीपावली के त्यौहार पर दीपावली का महत्व समझाते हुए, त्यौहार को मनाने की प्रेरणा दे रही है।

हिलमिल हम-सब दीप जलाएं,
अंधियारे को दूर भगाएं।
सुख का नव-सूरज कहता है
जीवन में नवखुशियां लाएं।।

दूर गगन में लिए लालिमा,
खुशियों का सूरज निकला है।
सूरज की किरणें पाकर के
धरा प्रीति का गीत सुनाए।।

सूरज की उर्जा को लेकर
धरती में सोना उपजाएं।
सूरज की सूरत निहारकर
कलियां बगिया में मुस्काएं।।

दीपावली पर्व में हम-सब
समरसता का दीप जलाएं।
सुनो सखी तुम करो शीघ्रता
सब-मिल पूजा थाल सजाएं।।

रघुवर आज अवध में आए,
घर-घर सबने दीप जलाए।
भेदभाव का तमस रहे न
इतना उजियारा फैलाएं।।

नगर-नगर में करो सूचना
अवधपुरी में राम पधारे।
डगर-डगर से कहे सुन्दरी
राम हमारे धाम पधारे।।


कैसी लगी आपको दीपावली पर यह कविता ? कॉमेंट कर के ज़रूर बताएँ और कवयित्री को भी प्रोत्साहित करें।
कविता की लेखिका सुंदरी अहिरवार के बारे में जानने के लिए पढ़ें यहाँ 


पढ़िए दीपावली पर एक और कविता:

  • इक दीप: अनिल कुमार मारवाल की यह कविता दीपावली पर है और दीपावली के उपलक्ष्य में समाज के कल्याण की प्रार्थना भी है।

पढ़िए सुंदरी अहिरवार की और कविताएँ:

  • नारी: सुंदरी अहिरवार की यह कविता नारी पर है। यह कविता नारी के विशेष गुणों पर प्रकाश डालती है।
  • अंधेरे से उजाले की ओर:  कवयित्री सुंदरी अहिरवार की ये एक उत्साह बढ़ाने वाली कविता है। इस कविता के माध्यम से वे पाठक को अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहने की प्रेरणा दे रही हैं।

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PC:  CHIRU QI

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