गुरू की कृपा | Guru Ki Kripa

डॉ भावना शर्मा की रचना | Written by Dr bhawna sharma

गुरू की कृपा | Guru Ki Kripa

संक्षिप्त परिचय: यह कविता नहीं एक प्रार्थना है जिसे लेखिका समर्पित करती हैं अपने गुरु को।लेखिका के लिए उनके गुरु बाबा नीब करोरी महाराज हैं।

गुरूवर की कृपा है ऐसी,
उनका हाथ है हमारे सर पर,
गुरूवर करते करूणा ऐसी,
फिर कोई कष्ट आता नहीं हम पर ।

जीवन के हर पथ पर गुरूवर,
साथ खड़े रहते हर पल ,
जब-जब मै होती हूँ विचलित,
तब -तब झकझोर देते वो आकर

गुरूवर है मन की नईया के केवट,
न किसी से राग द्वेष करूँ,
न किसी को दुखी करूँ,
मै तो गुरूवर के चरणों में वन्दन करूँ ।

अब ये ही माँगू गुरूवर से,
अपनी छत्र छाया मे रखना ऐसे ,
न हो मोह माया का भ्रम मुझे,
बस तेरी कृपा मिल जाये मुझे।


डॉ भावना शर्मा के बारे में और पढ़ें यहाँ: डॉ. भावना शर्मा

उनकी और कविताएँ पढ़ें यहाँ:


PC: neem-karoli-baba और pic_matic-11207794

 1,333 total views

Share on:

2 thoughts on “

गुरू की कृपा | Guru Ki Kripa

डॉ भावना शर्मा की रचना | Written by Dr bhawna sharma

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *