एक भावांजलि ..श्री राम नवमी पर | भक्ति पर कविता

कवि प्रभात शर्मा जी की रचना

एक भावांजलि ..श्री राम नवमी पर | भक्ति पर कविता | कवि प्रभात शर्मा जी की रचना

संक्षिप्त परिचय :- श्री राम नवमी के अवसर पर भक्तिमय कर देने वाली है कवि प्रभात शर्मा जी की यह कविता।

कामना जब भक्तिमय हो जाएंगी ,
प्रिय मिलन की भावना रह जाएंगी।
कर्म, तन, मन, जन्म हों उनको ही अर्पित,
मोक्ष की भी कामना हो जब समर्पित ।।

इष्ट दर्शन को सतत्, भव-मोह होगा त्यागना,
प्रेम-रस में डूब कर सायुज्य होगा मांगना।।
राम मय ही भावनाएं, शून्य अब जग कामनाएं,
ज्ञान‌ का होगा उदय , मिटेंगी सब वासनाएं ।

पातकों को नष्ट कर , निश-दिवस भक्ति दीजिए,
हो जन्म-मृत्यु विहीन,निर्मल आत्मा कर दीजिए।
बन्धनों को काट कर ,अपनी शरण में लीजिए ,
द्वैत बुद्धि विनष्ट कर ,अद्वैत मय कर लीजिए ।।

…….. प्रभात शर्मा १०.०४.२०२२🙏🌹


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कवि प्रभात शर्मा जी के बारे में जानने के लिए पढ़ें यहाँ ।


पढ़िए कवि प्रभात शर्मा जी की अन्य कविताएँ :

  1. एक भावांजलि ….. पत्थर को: एक पत्थर के जन्म से ले कर पत्थर की अनेकों विशेषताओं का वर्णन करती ये पत्थर पर कविता, पत्थर को सही मायने में भावांजलि है।
  2. स्वर्ण-प्रकाश: प्रकृति पर उत्कृष्ट कविता ।
  3. सजल-नयन: यह सुंदर कविता उस क्षण का विवरण करती है जब हम अपने अंत:करण के प्रेम का सत्य समझ लेते हैं।
  4. एक भावांजलि दिवंगत को: दिवंगत को भावांजलि देती हुई एक कविता।
  5. एक भावांजलि….. हिन्दी भाषा को : हिंदी दिवस पर यह कविता – हिंदी भाषा की विशेषताओं का सुंदरता से वर्णन करती है।
  6. एक भावांजलि ….कवि मन को : यह एक प्रेरक कविता है जिसे लिखा है कवि प्रभात शर्मा जी ने। इस कविता के माध्यम से वे कवियों को सत्य और साहस के पथ पर चलने की प्रेरणा दे रहे हैं।

पढ़िए भक्ति पर और कविताएँ यहाँ :-

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