संक्षिप्त परिचय: नववर्ष २०२१ के उपलक्ष्य में आपके लिए ढेर सारी शुभ कामनाएँ लिए प्रभात शर्मा जी की नया साल पर यह कविता।
नव वर्ष २०२१ की हार्दिक शुभकामनाएं
🌹🙏🌹
नित शान्ति रहे ,नहीं भ्रान्ति रहे
सब रहें कुशल-मंगल हर दिन
नहीं रोग रहें, नहीं शोक रहें
पुलकित मन,हों हर्षित पल-छिन ।
नहीं शेष रहे कोई वैमनस्य
सौहार्द सतत् और सौमनस्य
चंहुओर ख़ुशी , खुशहाली हो
नित ईद दशहरा दीवाली हो ।
हों वंश-वल्लरी बहु शिक्षित
ज्ञानी विज्ञानी बहु विधान
नूतन विकास नयनाभिराम
मेरा देश अग्रणी विश्व मान
कैसी लगी आपको नया साल पर यह विशेष कविता ? कॉमेंट कर के ज़रूर बताएँ और कवि को भी प्रोत्साहित करें।
कवि प्रभात शर्मा जी के बारे में जानने के लिए पढ़ें यहाँ ।
पढ़िए नया साल पर एक और कविता
- आओ मिल नववर्ष मनाए: नववर्ष के उपलक्ष्य में सब के लिए शुभ और लाभ की कामना लिए है डॉ. विजय कुमार मिश्र की यह नववर्ष पर कविता ।
पढ़िए उनकी अन्य कविताएँ :
- स्वर्ण-प्रकाश: प्रकृति पर उत्कृष्ट कविता ।
- सजल-नयन: यह सुंदर कविता उस क्षण का विवरण करती है जब हम अपने अंत:करण के प्रेम का सत्य समझ लेते हैं।
- एक भावांजलि दिवंगत को: दिवंगत को भावांजलि देती हुई एक कविता।
- एक भावांजलि….. हिन्दी भाषा को : हिंदी दिवस पर यह कविता – हिंदी भाषा की विशेषताओं का सुंदरता से वर्णन करती है।
- एक भावांजलि ….कवि मन को : यह एक प्रेरक कविता है जिसे लिखा है कवि प्रभात शर्मा जी ने। इस कविता के माध्यम से वे कवियों को सत्य और साहस के पथ पर चलने की प्रेरणा दे रहे हैं।
- एक भावांजलि ….. पत्थर को :-एक पत्थर के जन्म से ले कर पत्थर की अनेकों विशेषताओं का वर्णन करती ये पत्थर पर कविता, पत्थर को सही मायने में भावांजलि है।
अगर आप भी कहानियाँ या कविताएँ लिखते हैं और बतौर लेखक आगे बढ़ना चाहते हैं तो हमसे ज़रूर सम्पर्क करें storiesdilse@gmail.com पर। आप हमें अपनी रचनाएँ यहाँ भी भेज सकते हैं: https://storiesdilse.in/guidelines-for-submission/
PC: Georgia de Lotz
877 total views