अनिल कुमार मारवाल जी गांव ‘मानक थेड़ी’, जिला ‘हनुमानगढ़’, राजस्थान के रहने वाले हैं।
पढ़िए उनकी कविताएँ:
- भारत का इतिहास निराला : भारत का इतिहास भी उसी की तरह विशाल है। इसी इतिहास की कुछ झलकियाँ दिखलाती अनिल कुमार मारवाल जी की यह कविता है। पढ़िए और आप भी जानिए।
- एक ऋतु | दर्द भरी कविता : एक एहसास जो हम सब इंसानों को जोड़ता है, वो है प्रेम। कभी यह प्रेम अत्यंत सुख देता है और वहीं यही प्रेम अत्यंत दर्द भी दे देता है। इन्हीं दोनों प्रेम और दर्द की भावनाओं को जोड़ती सी है अनिल मारवाल जी की यह कविता ‘एक ऋतु’।
- खुशी से ज्यादा : इस दुनिया में चाहें हमें लगे कि संतुलन बनाना मुश्किल है पर प्रकृति यह संतुलन खुद ही बना लेती है। कैसे? जानने के लिए पढ़िए अनिल कुमार मारवाल की जीवन की सच्चाई बताती यह हिंदी कविता ।
- वीर देश | गणतंत्र दिवस कविता : गणतंत्र दिवस पर विशेष रूप से लिखी गयी यह कविता भारत देश का गुणगान करती है।
- हाँ मैं पागल हूँ: अनिल कुमार मारवाल की यह हिन्दी की कविता भारतीय समाज को जकड़े हुए कई मुद्दों पर प्रकाश डालती है।
- इक दीप: अनिल कुमार मारवाल की यह कविता दीपावली पर है और दीपावली के उपलक्ष्य में समाज के कल्याण की प्रार्थना भी है।
810 total views