नाम – सौरभ रत्नावत
शिक्षा – Mtech, (2020 में MANIT भोपाल से), Btech ( 2016 में RGPV भोपाल से)
गृहनगर – गरोठ, ज़िला-मंदसौर (मध्य प्रदेश)
आजकल वे भोपाल में रह कर अपनी PhD की तैयारी कर रहे हैं। उन्हें कविताएँ पढ़ने और सुनने का शौक़ है और आजकल वे खुद भी कविताएँ और शायरी लिखने की कोशिश कर रहे है।
पढ़िए उनकी कविता:
- हमारे घर का आँगन: यह सौरभ रत्नावत जी की पहली कविता है। इस कविता में वे अपने घर की ख़ूबसूरती को बयाँ कर रहे हैं। साथ ही उनके परिवार और प्रकृति के बीच कैसे तालमेल बैठा हुआ है यह भी समझा रहे हैं।
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