संक्षिप्त परिचय: यह कविता दाम्पत्य प्रेम को बनाए रखने का उपाय बड़े ही सरल ढंग से समझाती है। कैसे? जानने के लिए पढ़िए शिखा सिंह (प्रज्ञा) की यह प्रेम पूर्ण कविता ।
तुम कहो आज मैं सुनूँगा,
तुम्हारी हर रोज की शिकायतें
आज मैं दूर करूँगा,
थाम कर तुम्हारा हाथ
तुम्हारे दर्द को महसूस करूँगा..।
तुम कहो आज मैं सुनूँगा,
आज दफ़्तर के रोज की काम से फ़ुरसत लिया है,
तुम्हारे साथ एक पूरा दिन बिताने का
ख़ुद से वादा किया है,
हाँ तुम्हारे गिरते आँसू
तुम्हारी तन्हाई आज मैं दूर करूँगा..।
तुम कहो आज मैं सुनूँगा,
कई बरसों से तुम
मेरे लिए रोज काम करती हो,
सुबह मेरी छोटी सी रुमाल से लेकर
मेरे रात के तकिए तक तुम
हर रोज मेरा मुझसे ज़्यादा ख़्याल रखती हो,
तुम बैठो आज मैं तुम्हारे लिए
काम करूँगा..।
तुम कहो आज मैं सुनूँगा,
तुम्हारी पुरानी पिक्चर भी तुम्हारे साथ देखने चलूंगा,
और रास्ते में वो तुम्हारे तीख़े वाले गोलगप्पे
भी तुम्हारे साथ खाऊंगा,
तुम्हारे लिए शौपिंग भी करूँगा,
और तुम्हारे चेहरे की मुस्कान
फिर आज ले आऊंगा,
शाम को पहले की तरह एक लंबी ड्राइव पे लेजाऊंगा,
तुम्हे तुमसे ज़्यादा आज मैं महसूस करूँगा,
तुम कहो आज मैं सुनूँगा..।।
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यह प्रेम पूर्ण कविता की लेखिका शिखा सिंह(प्रज्ञा) के बारे में जानने के लिए पढ़ें यहाँ ।
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Photo by Harli Marten on Unsplash
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खूब बढ़िया 👌❤️
धन्यवाद सर 🙏
आपने बहुत अच्छी कविता लिखी है, दाम्पत्य जीवन के सुखद जीवन को बेहतर ढंग से समझाया है 👌👌👌👌
Thanyou