दुख हर्ता सुख कर्ता, विघ्न हर्ता मंगल कर्ता ।
गणपति बाबा सबको देते, जीवन के हर कष्ट हर लेते ।
सदा जो करते नमन, अपने मात पिता का वंदन ।
करो स्वागत सब मिलकर,सब खुशी मनाओ मंगल गाओ।
पान सुपारी ध्वजा नारियस , लड्डु मोदक का भोग लगाओ।
प्रथम पुज्य हैं गणपति बाबा, करते मात पिता की सेवा।
सब गणो के हैं ये स्वामी ,रिद्धि सिद्धि इनकी हैं पत्नी ।
सब का मंगल करने वाले, सब का अमंगल हरने वाले ।
माता पार्वती के आँख के तारे, पिता शिव के राज दुलारे ।
भोले भाले सीधे साधे, सबको प्यार करने वाले ।
कोई कहे सिद्धिविनायक, कोई कहे मयूरेश्वर।
कोई कहे गणपति बाबा, कोई कहे विघ्नेश्वर।
आज आये हैं द्वार हमारे, करते स्वागत हम सब सारे।
मूसक सेवा करता इनकी , ये गणो के है गणनायक।
भाव भक्ति से जो बुलाते, उनके घर वो शीघ्र चले आते ।
चित्र के लिए श्रेय- Harryarts
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