मेरी माँ | माँ पर कविता

कवयित्री गुंजन सिंह की रचना | A Hindi Poem by Gunjan Singh

मेरी माँ | माँ पर कविता | कवयित्री गुंजन सिंह की रचना | A Hindi Poem by Gunjan Singh

संक्षिप्त परिचय: माँ पर यह कविता माँ के महत्व को विभिन्न दृष्टिकोणों से समझाती है।

भगवान ने कहा ……..?
माँ मेरी तरफ से एक दुर्लभ तौफा है

समुद्र ने कहा  ………?
माँ एक सीप है जो सन्तान के
लाखों रहस्यों को सीने मे छिपा लेती है

बादल ने कहा ……?
माँ एक चमन है जिस में हर रंग उजागर होता है  

सन्तान ने कहा ….?
माँ ममता की एक अनमोल दास्तान है जो दिल
पर अंकित है

औरंगजेब ने कहा …….?
माँ के बिना हर घर कब्रिस्तान है

एक बेटी ने कहा यानी
मैंने…….?
मुझे माँ और फूल मे कोई अन्तर नही दिखाई
देता क्योंकि

मेरी नजर मे बिन माँ के बच्चे डाल से
टूटे हुए उस
फूल की तरह होते जिसे हर कोई रौंदना चाहता है


कैसी लगी आपको माँ पर यह कविता ? कॉमेंट कर के ज़रूर बताएँ और कवयित्री को भी प्रोत्साहित करें।
कविता की लेखिका गुंजन सिंह के बारे में जानने के लिए पढ़ें यहाँ ।


पढ़िए कवयित्री गुंजन सिंह की एक और कविता यहाँ:

  • ऐ दिल तू ज़रा सी खुशी ढूंढ ले : इस सुंदर हिंदी कविता के ज़रिए कवयित्री गुंजन सिंह खुश रहने की प्रेरणा दे रही हैं। कई बार ऐसा हो जाता है कि लगता है अब ज़िंदगी में खुश होने की वजह नहीं हैं – उन पलों का ज़िक्र करती हुई यह हिंदी कविता ।

अगर आप भी कहानियाँ या कविताएँ लिखते हैं और बतौर लेखक आगे बढ़ना चाहते हैं तो हमसे ज़रूर सम्पर्क करें storiesdilse@gmail.com पर। आप हमें अपनी रचनाएँ यहाँ भी भेज सकते हैं: https://storiesdilse.in/guidelines-for-submission/


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