कवि शंकर देव तिवारी एक वरिष्ठ पत्रकार हैं । वह बाह आगरा के रहने वाले हैं । वे कई प्रतिष्ठित हिंदी के अखबारों में बड़े पदों पर रहे हैं।
पढ़िए उनकी कविताएँ यहाँ:
- अकारण भय का एहसास: शंकर देव तिवारी जी की यह कविता भय के एहसास के इर्द गिर्द घूमते कुछ प्रश्न पूछती है।
- आजकल का शौक | कविता हिन्दी में: क्या है आजकल का शौक़? क्यों कोई ऐसा है जिससे पूछ पाना की वो कैसे हैं मुश्किल है? पढ़िए शंकर देव तिवारी जी की हिन्दी में कविता “आजकल का शौक़”।
- शब्द मंथन 1 – मंगलम
- तब्दीली | शब्द मंथन 1
- 72 साल | शंकर देव तिवारी | गणतंत्र दिवस पर कविता
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