विषय स्वदेशी | कविता हिंदी में

रामप्रवेश पंडित जी की रचना | written by Rampravesh Pandit

विषय स्वदेशी | कविता हिंदी में |रामप्रवेश पंडित जी की रचना | written by Rampravesh Pandit

संक्षिप्त परिचय: स्वदेशी पर यह कविता स्वदेशी समान अपनाने की प्रेरणा देती है। साथ ही स्वदेशी अपनाने के महत्व को समझाती है।

कर लो प्रण अब भीषणतम,
सदा स्वदेशी ही अपनाएंगे।
भारत की माटी के फूल से,
माँ भारती का हार बनाएंगे।
सदा स्वदेशी ही अपनाएंगे।।

अपने ही होंगे क्रेता विक्रेता,
अपनों से होगा भरा बाजार।
स्वदेशी जब होगा संबल,
नहीं सहेंगे मंदी की मार।
घर का पौधा रोपेंगे हम,
घर का ही फल खाएंगे।
सदा स्वदेशी ही अपनाएंगे।।

स्वदेशी वस्तु अपनाकर हम,
कर लेंगे अपनों से प्रीत।
दुनिया वाले विस्मित होकर,
सब गाएंगे भारत के गीत।
अब चाइनीज खिलौनों से,
निज घर को नहीं सजाएंगे।
सदा स्वदेशी ही अपनाएंगे।।

जब स्वदेश की माटी से,
सोंधी सोंधी खुशबू आएगी।
तब हर नर की बगिया में,
हर कली कली मुस्कायेगी।
स्वदेशी फूलों की माला ले,
जन गण मन हम गाएंगे।
सदा स्वदेशी ही अपनाएंगे।।

– रामप्रवेश पंडित मेदिनीनगर झारखंड


कैसी लगी आपको यह स्वदेशी पर कविता? कॉमेंट कर के ज़रूर बताएँ और कवि को भी प्रोत्साहित करें।
इस कविता के लेखक रामप्रवेश पंडित जी के बारे में जानने के लिए पढ़ें यहाँ ।


पढ़िए राम प्रवेश पंडित जी की और कविताएँ:

  • भाईचारा: यह कविता आपस में भाईचारे की भावना का महत्व समझाती है।
  • रक्षाबंधन (राखी): यह कविता रक्षा बंधन के त्योहार का सुंदरता से वर्णन करती है।

पढ़िए और हिंदी कविताएँ:

  • अंधेरे से उजाले की ओर | उत्साह बढ़ाने वाली कविता: कवयित्री सुंदरी अहिरवार की ये एक उत्साह बढ़ाने वाली कविता है। इस कविता के माध्यम से वे पाठक को अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहने की प्रेरणा दे रही हैं।
  • हम बेटियाँ हिंदुस्तान की: रानी कुशवाह की यह कविता हिंदुस्तान में हो रहे नारी पर अत्याचार और उसकी वजह से पैदा हो रही कठिनाइयों पर प्रकाश डालती है।
  • चिंता का चिंतन:  इस प्रेरणादायक कविता में कवि वर्तमान को श्रेष्ठ बनाने की प्रेरणा दे रहे हैं क्योंकि हमारा भविष्य हमारे वर्तमान पर ही निर्भर करता है ।
  • अब तो कुछ करना होगा: यह कविता ‘अब तो कुछ करना होगा’ नारी पर हो रहे अत्याचारों पर आवाज़ उठाती हुई, नारी को सशक्तिकरण की माँग करती हुई कविता है। पढ़िए कवि जुबैर खाँन द्वारा लिखी गयी यह कविता।

अगर आप भी कहानियाँ या कविताएँ लिखते हैं और बतौर लेखक आगे बढ़ना चाहते हैं तो हमसे ज़रूर सम्पर्क करें storiesdilse@gmail.com पर। आप हमें अपनी रचनाएँ यहाँ भी भेज सकते हैं: https://storiesdilse.in/submit-your-stories-poems/


PC: Siddhant Ranjan Singh

 1,459 total views

Share on:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *