प्रभात शर्मा (Prabhat Sharma) जी – वरिष्ठ पी सी एस अधिकारी उत्तर प्रदेश अपर आयुक्त ( प्रशासन) आगरा मण्डल , आगरा से सेवा निवृत्त हुए हैं । इनका निवास-स्थान आजकल गौतमबुद्ध नगर, उत्तर प्रदेश, भारत है ।
पढ़िए उनकी कविताएँ :
- एक भावांजलि ..श्री राम नवमी पर | भक्ति पर कविता : श्री राम नवमी के अवसर पर भक्तिमय कर देने वाली है कवि प्रभात शर्मा जी की यह कविता।
- एक भावांजलि 🌹🙏🌹……..नव वर्ष २०२२ : नव वर्ष २०२२ में सब के लिए शुभकामनाएँ लिए है प्रभात शर्मा जी की यह कविता ।
- एक भावांजलि ….दशहरा पर : दशहरे के महत्व को शब्दों में उतारती यह एक कविता है – भावांजलि दशहरे पर।
- एक भावांजलि 🙏🌹🙏… ग्राम्य-वास को 🌹🙏🌹 | गाँव पर कविता: गाँव का जीवन शहर के जीवन से अलग होता है, पर उसमें कुछ वे विशेषताएँ होती हैं जो शहर में ढूँढने से भी नहीं मिलती। कौन सी होती हैं ये विशेषताएँ ? जानने के लिए पढ़िए गाँव पर यह कविता ।
- एक भावांजलि ….. राष्ट्र को | गणतंत्र दिवस के पावन पर्व पर कविता : जैसा कि कविता के शीर्षक से प्रत्यक्ष है, यह कविता एक भावांजलि है राष्ट्र को। यह कविता गणतंत्र दिवस विशेष है, इस कविता को लिखा है कवि प्रभात शर्मा जी ने ।
- एक भावांजलि ….. नया साल 2021: नववर्ष २०२१ के उपलक्ष्य में आपके लिए ढेर सारी शुभ कामनाएँ लिए प्रभात शर्मा जी की नया साल पर यह कविता।
- एक भावांजलि ….. पत्थर को: एक पत्थर के जन्म से ले कर पत्थर की अनेकों विशेषताओं का वर्णन करती ये पत्थर पर कविता, पत्थर को सही मायने में भावांजलि है।
- स्वर्ण-प्रकाश: प्रकृति पर उत्कृष्ट कविता ।
- सजल-नयन: यह सुंदर कविता उस क्षण का विवरण करती है जब हम अपने अंत:करण के प्रेम का सत्य समझ लेते हैं।
- एक भावांजलि दिवंगत को: दिवंगत को भावांजलि देती हुई एक कविता।
- एक भावांजलि….. हिन्दी भाषा को : हिंदी दिवस पर यह कविता – हिंदी भाषा की विशेषताओं का सुंदरता से वर्णन करती है।
- एक भावांजलि ….कवि मन को : यह एक प्रेरक कविता है जिसे लिखा है कवि प्रभात शर्मा जी ने। इस कविता के माध्यम से वे कवियों को सत्य और साहस के पथ पर चलने की प्रेरणा दे रहे हैं।
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