संक्षिप्त परिचय: कविता का नाम है मुरझाया फूल। यह कविता पहली बार ‘मुकुल’ नाम के कविता संग्रह में प्रकाशित हुई थी।
यह सुभद्रा कुमारी चौहान की हिंदी में कविता (Subhadra Kumari Chauhan short poem in Hindi) — मुरझाए फूलों के लिए सही बर्ताव की प्रेरणा देती है।
यह मुरझाया हुआ फूल है,
इसका हृदय दुखाना मत।
स्वयं बिखरने वाली इसकी
पंखड़ियाँ बिखराना मत।
गुजरो अगर पास से इसके
इसे चोट पहुँचाना मत।
जीवन की अंतिम घड़ियों में
देखो, इसे रुलाना मत।
अगर हो सके तो ठंडी
बूँदें टपका देना प्यारे!
जल न जाए संतप्त-हृदय
शीतलता ला देना प्यारे!!
कैसी लगी आपको सुभद्रा कुमारी चौहान की यह कविता (Subhadra Kumari Chauhan short poem in Hindi) ? कॉमेंट कर के हमें ज़रूर बताएँ। उन के बारे में अधिक जानने के लिए पढ़ें यहाँ।
अगर आप एक लेखक हैं जो कहानियाँ या कविताएँ लिखते हैं तो हमसे सम्पर्क करें storiesdilse@gmail.com पर। आप अपनी कहानियाँ हमारे मंच प्रकाशित करने के साथ साथ उनसे कमा भी पाएँगे और आप की रचनाएँ हमेशा आपकी रहेंगी।
सुभद्रा कुमारी चौहान की अन्य सुप्रसिद्ध कवितायें पढ़ें यहाँ –
- खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी : झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई का जीवन बयान करती सुंदर एवं सरल कविता ।
- जलियाँवाला बाग में बसंत : जलियाँवाला बाग में बसंत आने वाला है। उससे क्या निवेदन कर रही हैं सुभद्रा कुमारी चौहान ? गला रुंध जाए – ऐसी कविता।
- यह कदम्ब का पेड़ : एक सुंदर बाल कविता जिस में एक बच्चा अपनी माँ से भोली भाषा में कहता है – क्या होता अगर एक कदम्ब का पेड़ होता यमुना तीरे।
- फूल के प्रति: सुभद्रा कुमारी चौहान की यह कविता मुरझाए फूलों की व्यथा को दर्शाने की कोशिश करते हुए किसी को भी अपने ऊपर गुमान ना करने का संदेश देती है।
सुभद्रा कुमारी चौहान की कहानियाँ पढ़ें यहाँ:
- भग्नावशेष : यह कहानी उनके कहानी संग्रह ‘बिखरे मोती’ की है। क्यों एक प्रतिभा से भरी युवती, दस साल बाद बस एक भग्नावशेष प्रतीत हुई लेखक को? जानने के लिए पढ़िए ये कहानी।
- दो सखियाँ : दो सखियों हैं – मुन्नी और रामी – जिनमें से एक अमीर है एक गरीब। पर साथ में पढ़ने लिखने और बड़े होने के बाद उनका जीवन कैसे एक दूसरे से बंधता है उसकी कहानी है ‘दो सखियाँ’ जिसे लिखा है ‘सुभद्रा कुमारी चौहान’ ने।
2,853 total views