बदल गई हूँ मैं | महिला पर हिंदी कविता

आरती वत्स की रचना | A Hindi Poem Written by Aarti Vats

बदल गई हूँ मैं | महिला पर हिंदी कविता | कवयित्री आरती वत्स की रचना | A Hindi Poem Written by Poetess Aarti Vats

संक्षिप्त परिचय: आरती वत्स की यह कविता लिखी गयी है महिला के दृष्टिकोण से समाज के लिए। एक महिला पर पुरुष-प्रधान समाज की सोच क्या असर डाल सकती है, यह कविता आपको बताएगी।

मत बता मुझे
असल लोगों की पहचान क्या होती है!

मैं तो सच को जानकर भी अनजान रही हूँ।
अपनी मौनावस्था में रहकर,
मैंने अपने ही कुछ खास रिश्तों को
खुद की नज़रों के सामने गिरते देखा है।
अपनी ही बर्बादी का
उन्हें सरेआम जश्न मनाते देखा है।।

वकालत बने रिश्तों में,
सच को सच साबित करने के लिए
सबूत माँगते देखा है।
अपने समर्पण व वफ़ाओं पर
सरेआम यूँ बेबुनियादी इल्ज़ाम लगते देखा है।
खास दोस्तों को
अपने ख़िलाफ़ झूठी गवाही देते देखा है।
खुद को खुद की ही नज़रों में
मुज़रिम बनते देखा है।
मैंने ऐसे ही कुछ खास रिश्तों के
विश्वास का खून होते देखा है।।

पीठ पीछे ख़ंजर चलते देखा है।
बहरूपिये के वेश में
अपनों में पराये होते चेहरों को देखा है।
हर कदम पर खुद को आज़माते देखा है।
सामने से साथ का वादा करने वालों को
सरेआम अपने खिलाफ़ होते देखा है।
इस क़दर हर रिश्ते को
मैंने चकनाचूर होते देखा है।।

सब कहते हैं
बदल गई हूँ मैं।
हाँ, सच में बदल गई हूँ मैं।
हमेशा के लिए मतलबी हो गई हूँ मैं।
और तुम ही बताओ
क्यूँ न बदलती मैं?
मैंने अपनी नज़रों के सामने ही
कुछ अज़ीज़ रिश्तों को फ़रेब करते देखा है।
अपने खिलाफ़ साज़िश रचते देखा है।
खुद के विश्वास का खून होते देखा है।
हर रिश्ते को बेनक़ाब होते देखा है।
खुद को टूटते देखा है।।

सच कहूँ तो,
सही मायनों में संभल गई हूँ मैं।
तनहा नहीं,
खुद के साथ रहने लगी हूँ मैं।
खुद से प्यार व
औरों से नाम-मात्र उम्मीदें करने लगी हूँ मैं।
अपने विश्वास, सम्मान और अपने व्यक्तिगत की
क़दर करने लगी हूँ मैं ।
फ़रेबी रिश्तों से दूर रहने लगी हूँ मैं ।
एक नए स्वरूप में ढ़ल गई हूँ मैं ।।

हाँ,सच में
दुनिया के लिए
बदल गई हूँ मैं।
बदल गई हूँ मैं।।


कैसी लगी आपको एक महिला पर यह कविता ? कॉमेंट कर के ज़रूर बताएँ और लेखिका को भी प्रोत्साहित करें।
कविता की लेखिका आरती वत्स के बारे में जानने के लिए पढ़ें यहाँ 


पढ़िए आरती वत्स की लिखी हुई अन्य कविताएँ यहाँ:

  • देवी शक्ति: यह कविता देवी शक्ति और आज की नारी शक्ति के अनेक रूपों का बहुत ही सुंदरता से वर्णन करती है। साथ ही आज के समाज को एक आईना भी दिखाती है।
  • शिव शक्ति : आरती वत्स की यह कविता देवी शक्ति के बारे में है। इस कविता में वे देवी शक्ति के विभिन्न गुणों और विशेषताओं का सुंदरता से वर्णन करती है।
  • अधूरी कहानी: आरती वत्स इस कविता में उस साथ की बात कर रही हैं जो कुछ लम्हों का ही था। वे उस राह की बात कर रही हैं जो आगे जा कर दो रास्तों में बँट जानी थी।
  • मर्द: यह कविता आपको मिलाएगी एक आदर्श पुरुष से। आज के मर्द से। 
  • पत्रकारिता: पत्रकारिता के महत्व पर प्रकाश डालती कविता।

पढ़िए महिला पर ही लिखी गयी अन्य कविताएँ:

  • अब तो कुछ करना होगा:  यह कविता ‘अब तो कुछ करना होगा’ महिला पर हो रहे अत्याचारों पर आवाज़ उठाती हुई, नारी को सशक्तिकरण की माँग करती हुई कविता है। 
  • हाँ मैं बदल गई हूँ: आज के समाज में जहां एक तरफ़ स्त्री को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी जाती है वहीं समाज का एक हिस्सा उसे वांछित सम्मान दे पाने में भी असक्षम है। यह कविता एक
    महिला के हृदय की आवाज़ है उसी समाज के लिए।
  • नारी:  सुंदरी अहिरवार की यह कविता नारी पर है। यह कविता नारी के विशेष गुणों पर प्रकाश डालती है।
  • खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी: यह कविता लिखी है सुभद्रा कुमारी चौहान ने। यह एक सुप्रसिद्ध कविता झाँसी की रानी लक्ष्मी बाई पर।

महिला पर ही कुछ कहानियाँ:

  • भग्नावशेष: यह कहानी सुभद्रा कुमारी चौहान के कहानी संग्रह ‘बिखरे मोती’ की एक कहानी है। क्यों एक प्रतिभा से भरी युवती, दस साल बाद बस एक भग्नावशेष प्रतीत हुई लेखक को? जानने के लिए पढ़िए ये कहानी।
  • बड़े घर की बेटी : आनंदी एक बड़े घर की बेटी है परंतु जहां उसका विवाह होता है वह घर उसके मायके जैसा नहीं होता। वह घर के हिसाब से अपने आप को ढाल लेती है बिना किसी शिकायत के पर एक दिन कुछ ऐसा हो जाता है कि वह सहन नहीं कर पाती। ऐसा क्या होता है और तब वह क्या करती है? जानने के लिए पढ़िए मुंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी ‘ बड़े घर की बेटी ‘।
  • लिली: लिली एक लघु प्रेम कथा है उस समय पर आधारित जब अंतर्जातिय विवाह नहीं हुआ करते थे। खूब पढ़ लेने के बावजूद भी पद्मा के पिता की सोच जातिवाद तक ही सीमित रहती है । उनकी जातिवादी सोच और पद्मा की आधुनिक सोच उन दोनों से क्या करवाती है – जानने के लिए पढ़िए पूरी कहानी – लिली, जिसके लेखक हैं सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ जी ।

अगर आप भी कहानियाँ या कविताएँ लिखते हैं और बतौर लेखक आगे बढ़ना चाहते हैं तो हमसे ज़रूर सम्पर्क करें storiesdilse@gmail.com पर। आप हमें अपनी रचनाएँ यहाँ भी भेज सकते हैं: https://storiesdilse.in/submit-your-stories-poems/


PC: Dingzeyu Li

 3,605 total views

Share on:

One thought on “

बदल गई हूँ मैं | महिला पर हिंदी कविता

आरती वत्स की रचना | A Hindi Poem Written by Aarti Vats

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *