संक्षिप्त परिचय : अधूरा प्यार और कुछ अधूरी ख्वाहिशें – इन पर ही है यह कविता जिसे लिखा है आरती वत्स जी ने।
तुम एक बार ही सही
फ़ोन करते तो अच्छा होता ,
तुम खुद से आकर एक बार बात करते तो अच्छा होता ,
कदम तुम्हारी तरफ़ से भी बढ़ते तो अच्छा होता ,
साथ तुम मेरे रहते तो अच्छा होता ,
सफ़र में मेरा हाथ थामते तो अच्छा होता ।।
दो प्यार के अल्फ़ाज़ तुम भी कभी कहते तो अच्छा होता ,
दिल में ना रखते अरमानों को तो अच्छा होता ,
प्यार की मौज़ में
खुद को मेरे साथ बहने देते तो अच्छा होता ।
दुनिया की बातों पर यक़ीन ना कर ,
मुझ पर भी कभी ऐतबार करते तो अच्छा होता ।।
ख़ुशियाँ मेरे दामन में ,
तुम्हारे नाम की सजती तो अच्छा होता ,
चाह कर यूँ अधूरा ना छोड़ते तो अच्छा होता ,
हमारी कहानी भी मुकम्मल होती तो अच्छा होता ।
संग तुम्हारे मैं दुनिया घुमती तो अच्छा होता ,
काश! ये क़िस्सा भी हमारा पूरा होता ।
तो सोचो ,
कितना अच्छा होता ,
कितना अच्छा होता ,
न मैं अधूरा होता,ना तू अधूरा होता ,
सिर्फ और सिर्फ हमारा साथ मुकम्मल होता।।
-आरती वत्स
(मिस हरियाणा)
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कविता की लेखिका आरती वत्स के बारे में जानने के लिए पढ़ें यहाँ ।
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