हिसाब जिंदगी का | जीवन संघर्ष पर कविता

उषा रानी की कविता | A Hindi Poem by Usha Rani

हिसाब जिंदगी का | उषा रानी की कविता | जीवन संघर्ष पर कविता

संक्षिप्त परिचय : अगर अपने जीवन के संघर्ष के हिसाब को कभी आप एक कविता में पिरोएँगे तो वह कविता भी उषा रानी जी की यह कविता जैसी ही होगी।

कुछ हिसाब जिंदगी का
रह गया लिखना,
भूली- बिसरी बातों का
शिकवा- गिला लिखना ।
क्षण क्षण संघर्षों का
कठिन सफर रहा,
हंसने हंसाने का
सपना रहा मेरा,
जोड़, बाकी, गुणा भाग में
कमजोर रहा जो,
हर पल, हर जगह
ठगा जाता रहा वो ।
ताबड़-तोड़ मेहनत करके भी
सपनों की मंजिल से दूर रहा वो ।
राह के पत्थरों की ठोकरों ने
संभलकर चलना सिखाया
दुश्मनों की चालों ने
सामना करना सिखाया।
सीधी सरल राह पर चलना आसान
ऊबड़ खाबड़ रास्तों ने
हौसलों को उड़ना सीखाया ।
हार कर न बैठे कहीं कोई
ये हिसाब समझाया ।

स्वरचित कविता
उषा रानी पुंगलिया जोधपुर राजस्थान


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