सुखमय सारा संसार हो | नवरात्रि पर कविता

उषा रानी जी की कविता | A Hindi Poem by Usha Rani

सुखमय सारा संसार हो |नवरात्रि पर कविता | उषा रानी जी की कविता

संक्षिप्त परिचय : नवरात्रि के अवसर पर बहुत ही पावन, बिलकुल नि:स्वार्थ – यह कविता नहीं, एक प्रार्थना है। चलिए आप और मैं, हम सब मिल कर आज माँ से यही प्रार्थना करें।

माँ कल्याणी, माँ भवानी,
आओ घर मेरे, कृपा बरसाओ ।
दूर करो सब कष्ट हमारे,
बुराइयों का नाश करो माँ ।
नारी जीवन को सुरक्षित करो,
अत्याचारियों का नाश करो,
कन्याओं को दुराचारियों से
बचाओ माँ, रक्षा करो माँ ।
नौ दिन ही नहीं, हर दिन
तेरी पूजा- अर्चना करें माँ,
सबको सद्बुद्धि सदाचार दो,
धरती का हाहाकार मिटा दो,
सुख-शांति का संचार हो ।
भक्ति का फल बस इतना दो,
कोई दुखी ना लाचार हो माँ,
सुखमय सारा संसार हो माँ ।
सुखमय सारा जहाँ हो माँ ।।

स्वरचित कविता
उषा रानी पुंगलिया जोधपुर
राजस्थान


कैसी लगी आपको नवरात्रि पर कविता , “सुखमय सारा संसार हो’’, ? कॉमेंट कर के ज़रूर बताएँ और कवयित्री को भी प्रोत्साहित करें।
कविता की लेखिका उषा रानी के बारे में जानने के लिए पढ़ें यहाँ 


पढ़िए उनकी और कविताएँ:

  • प्रकृति🌿🍃 हमारी माता है: है तो मनुष्य भी प्रकृति का अंश ही, पर आज कुछ ऐसी स्थिति हो गयी है कि वही मनुष्य प्रकृति का दुश्मन लगता है। ऐसे में ज़रूरी है कि सब समझें प्रकृति का महत्व। यही पहलू उठाती है कवयित्रि उषा रानी की प्रकृति पर यह कविता ।
  • चाय हमारा मान है: भारत में लगभग हर घर में चाय एक अनन्य हिस्सा होती है। पर ऐसा क्यूँ होता है? जानने के लिए पढ़िए चाय पर यह कविता ।
  • दादी तुम चुप क्यों हो?: कवयित्री उषा रानी की यह कविता बूढ़ी दादी माँ के लिए कई सवाल लिए है। पढ़ के ज़रूर बताइएगा कि क्या आपके दिल में भी ऐसे ही सवाल आते हैं ?

पढ़िए नवरात्रि के पावन अबसर पर ऐसी और कविताएँ यहाँ :-

  • गणपति बप्पा मोरिया: गणेश चतुर्थी के अवसर पर गणपति जी की वंदना करती है यह सुंदर कविता।
  • चलो कान्हा संग खेलें होली : होली का त्यौहार हो और कान्हा की बात ना हो ऐसा तो हो नहीं सकता। कान्हा की ही नटखटता और होली की मस्ती का अनोखा संगम है उषा रानी जी की यह कविता।
  • मेरी माँ: माँ पर यह कविता माँ के महत्व को विभिन्न दृष्टिकोणों से समझाती है।
  • गणेश-जी : गणेश जी पर विशेष कविता ।
  • गं-गणपते-नमः गणेश जी की वंदना करती कविता ।
  • गुरु की कृपा: कवयित्री ने यह कविता गुरु के लिए लिखी है।
  • देवी शक्ति: यह कविता देवी शक्ति और आज की नारी शक्ति के अनेक रूपों का बहुत ही सुंदरता से वर्णन करती है। साथ ही आज के समाज को एक आईना भी दिखाती है।
  • शिव शक्ति : आरती वत्स की यह कविता देवी शक्ति के बारे में है। इस कविता में वे देवी शक्ति के विभिन्न गुणों और विशेषताओं का सुंदरता से वर्णन करती है।

अगर आप भी कहानियाँ या कविताएँ लिखते हैं और बतौर लेखक आगे बढ़ना चाहते हैं तो हमसे ज़रूर सम्पर्क करें storiesdilse@gmail.com पर। आप हमें अपनी रचनाएँ यहाँ भी भेज सकते हैं: https://storiesdilse.in/submit-your-stories-poems/


Photo by Sonika Agarwal

 784 total views

Share on:

One thought on “

सुखमय सारा संसार हो | नवरात्रि पर कविता

उषा रानी जी की कविता | A Hindi Poem by Usha Rani

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *