संक्षिप्त परिचय : २०२१ समाप्त हो रहा है और नया साल २०२२ शुरू हो रहा है। इसी आते नए साल में क्या है सबसे अच्छा तोहफ़ा अपनों के लिए ? उषा रानी जी की यह नए साल पर कविता आपको एक अलग ही ढंग में बतलाएगी।
एक एक दिन ने मिलकर
साल का कैलेंडर बदल डाला,
हमने भी तो सपनों की
एक एक ईंटों को जमा कर
खुशियों का आशियाना सजा डाला!
जाने किस की बुरी नजर लगी
या हमारी ही नादानी !
इस तरह उम्र का एक एक दिन
ढलता गया और
उड़ने को आकाश था और
हम उड़ना ही भूल गए!
हर साल नया आता गया,
पुराना यादों में जुड़ता गया,
मिलने बिछुड़ने के खुशी- ग़म में
इतना खो गए कि
कुदरत के नियमों को भुला डाला!
पिछला साल इम्तिहानों का साल रहा
कोरोना नाम की महामारी ने
जिंदगी की तस्वीर ही बदल डाली!
बाहर की चमकती दुनिया को
मायूसियों के अंधेरों में दुबक कर
छुपना पड़ा!
दिखावे की दुनिया को ग्रहण लग गया!
फिर तीसरी लहर ने दस्तक दी है
कोरोना के साथ ओमिक्रोन बनकर नई महामारी आ गई!
नए साल पर फिर ग्रहण लग रहा
अपने को ढीला मत छोड़ना दोस्तों!
जान है तो जहान है दोस्तों!
” मुंह पर मास्क और दो गज की दूरी ” बनाये रख कर,
स्वयं को बचाना और
अपनों का साथ निभाना!
ये मुश्किल घड़ी भी बीत ही जायेगी! इस दुआ के साथ
नए साल का यही तोहफा
अपनों को भिजवाना!
स्वरचित कविता
उषा माहेश्वरीपुंगलिया जोधपुर राजस्थान
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कविता की लेखिका उषा रानी के बारे में जानने के लिए पढ़ें यहाँ ।
पढ़िए उनकी कविताएँ:
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- मेरी मजबूर सी यादें: जितना जीवन निकलता जाता है, उतनी ही बनती जाती हैं यादें। उन्हीं यादों के कारवां से आज फिर गुज़रने के लिए पढ़िए उषा रानी जी की यह भावनाओं से भरी कविता ‘मेरी मजबूर सी यादें’।
- आस्था के पितर: पितरों के लिए आदर-सम्मान और उनके लिए हमारे मन की श्रद्धा और आस्था पर है उषा रानी जी की यह कविता – ‘आस्था के पितर’।
- हिन्दी भाषाओं का संगम: हिन्दी दिवस पर उषा रानी जी की यह विशेष कविता हिन्दी भाषा का गुणगान करती है।
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- एक मुस्कान ही: क्या है एक हँसी, एक मुस्कान का महत्व? पढ़िए यह सुंदर कविता जिसे लिखा है उषा रानी जी ने, और आप भी जानिए।
पढ़िए नये साल के इर्द गिर्द पर कविता :-
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- एक ऋतु | दर्द भरी कविता : एक एहसास जो हम सब इंसानों को जोड़ता है, वो है प्रेम। कभी यह प्रेम अत्यंत सुख देता है और वहीं यही प्रेम अत्यंत दर्द भी दे देता है। इन्हीं दोनों प्रेम और दर्द की भावनाओं को जोड़ती सी है अनिल मारवाल जी की यह कविता ‘एक ऋतु’।
- एक भावांजलि ….. नया साल 2021: नववर्ष २०२१ के उपलक्ष्य में आपके लिए ढेर सारी शुभ कामनाएँ लिए प्रभात शर्मा जी की नए साल पर यह कविता।
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Photo by Ray Hennessy
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