संक्षिप्त परिचय: पुस्तक – एक ऐसी वस्तु है जिस की तुलना एक जीवन साथी से भी हो जाती है। सिर्फ़ जीवनसाथी ही नहीं इसे कई और नाम भी दिए गए हैं। पुस्तकों का ही महत्व समझाती है, उषा रानी जी की यह कविता ‘ जीवन साथ पुस्तकें ‘ है।
पुस्तक ज्ञान का माध्यम होती हैं,
प्रारंभ से लेकर अंत तक शिक्षामित्र की तरह हर पल
साथ निभाती हैं पुस्तकें ।
पुस्तकों में ही ज्ञान का भंडार भरा,
ज्ञान – विज्ञान से परिचित कराती,
धर्म – कर्म का पाठ पढ़ाती,
गीता, रामायण या महाभारत
सत्य कर्म की राह दिखाती ।
इतिहास के पन्नों में छिपी
वीरों की कहानियाँ सुनाती
वीरांगनाओं के आर्दश दर्शाती,
स्वाभिमान का पाठ पढ़ाती ।
सच ही कहा जाता है कि
पुस्तकें हमारी जीवन साथी,
अकेलेपन की सच्ची साथी,
बुध्दि विवेक का पाठ पढ़ाती
पुस्तकें मनमीत- सी प्यारी
हमारा मनोरंजन करती हर पल, हमें अनुशासित करती हर पल,
बीमार मन की औषधि होती,
सुख- दु:ख में समान रहना सिखाती हैं पुस्तकें ।
अगर पुस्तकें न होतीं,
अंधकार में भटकते हम,
मानवता के विकास की
सच्ची राह दिखाती पुस्तकें
सच ही ज्ञान का भंडार पुस्तकें,
जीवन की सच्ची साथी पुस्तकें ।
स्वरचित कविता
उषा रानी पुंगलिया जोधपुर
राजस्थान
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पढ़िए उषा रानी जी की और कविताएँ:
- बसंती ऋतु मनभावन आई | वसंत ऋतु पर कविता : पतझड़ के बाद ही तो बसंत आता है। जब लगता है सब ख़त्म तभी नयी आशा की किरण लाता है। यही तो इस त्यौहार का महत्व है। इस मन को उल्लासित करने वाले बसंत ऋतु के पर्व पर मन को उल्लासित करने वाली यह कविता ।
- बसंत के रंग हजार | बसंत ऋतु पर कविता: पतझड़ के बाद ही तो बसंत आता है। जब लगता है सब ख़त्म तभी नयी आशा की किरण लाता है। यही तो इस त्यौहार का महत्व है। इस मन को उल्लासित करने वाले बसंत ऋतु के पर्व पर मन को उल्लासित करने वाली यह कविता ।
- जवान तुझे सलाम | गणतंत्र दिवस पर कविता: गणतंत्र दिवस पर लिखी गयी यह कविता भारत के उन वीर जवानों को सलाम करती है जिन्होंने देश के लिए अपने जान देने से पहले एक बार नहीं सोचा ।
- प्रकृति हमारी माता है: है तो मनुष्य भी प्रकृति का अंश ही, पर आज कुछ ऐसी स्थिति हो गयी है कि वही मनुष्य प्रकृति का दुश्मन लगता है। ऐसे में ज़रूरी है कि सब समझें प्रकृति का महत्व। यही पहलू उठाती है कवयित्रि उषा रानी की प्रकृति पर यह कविता ।
पढ़िए जीवन पर ऐसी कुछ और कविताएँ:
- इतना कैसे कर लेते हो : योगेश नारायण दीक्षित जी की जीवन पर यह कविता, जीवन के कुछ अजीब तथ्यों को सरलता से प्रस्तुत करती है।
- मुझे आत्मज्ञान की तलाश है | बदलाव पर कविता : आत्मा, शरीर, समाज, बदलाव – इन्हीं सब को ढूँढती अक्षय कंडवाल की यह कविता समाज में बदलाव पर अपने मन की आवाज़ उठाती है।
- हिम्मत न हार :यह एक प्रेरणादायक कविता है जो पाठक को मुश्किल दौर में हिम्मत ना हारने की प्रेरणा देती है ।
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Photo by Debby Hudson
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