संक्षिप्त परिचय: लॉक्डाउन के समय में एक परेशानी बच्चों की भी है – वह है ऑनलाइन क्लास। इस क्लास को करने में क्या परेशानियाँ आती हैं जानिए इस हिंदी हास्य कविता में।
बोर हुए शिक्षक घर बैठे
लगा दिया ऑनलाइन क्लास
बूढ़ी दादी खाट पर बैठी
दादा बैठे द्वार पुकारे..
अम्मा जगा रही मुन्ना को
शुरू हो गया ऑनलाइन क्लास
लेत अंगड़ाई मुन्ना उठा
बैठ गए लैपटॉप के पास
ब्रश, मंजन कुछ किया नही है
ड्रेस पहने हैं जनाब
आँख मिचे वीडियो पर बैठे
शिक्षक कहे हो गई शुरुआत….
दिमाग में बैठा पब्ज़ का भूत
कब्ज़ लगे है मैथ का ज्ञान
इंग्लिश का इ समझ ना आए
हिन्दी का एच ऊपर से जाए
साइंस ने तो उड़ा दिया होश
पढ़ मुन्ना हो गए बेहोश
माँ दौड़ी उठ जाओ लाल
अब ना करना ऑनलाइन क्लास
बहन लाई ठंडा जलपान
पी लो भाई खत्म हो गई ऑनलाइन क्लास…..
शिक्षक का तो बात क्या कहना
स्कूल में जो कभी आए नही नित्य क्लास
आज दिए जा रहे ऑनलाइन ज्ञान पे ज्ञान
खत्म हुई जैसे ही क्लास
शिक्षक हो गए फिर उदास
समझ नही आए कुछ उनको
दिया नही बहुत दिन से
बच्चो को गलियों का वरदान
लगा दिया फोन मुन्ना को
कहे आजकल कहां हो लाल
सुन मुन्ना का दिमाग चकराया
छट से उसने बहाना बनाया
मोबाइल लैपटॉप सब खराब है बताया
बोला मुन्ना थोड़ा हूं मै भी बीमार…
क्रम रोज का चलता जाए
कभी नेट, कभी मुन्ना ऎसे
ही रास रचाएं और ऑनलाइन
क्लास चलता ही जाए….
कैसी लगी आपको ऑनलाइन क्लास और उससे जुड़ी परेशानियों पर यह हिंदी हास्य कविता ? कॉमेंट कर के ज़रूर बताएँ और कवयित्री को भी प्रोत्साहित करें।
यह कविता की लेखिका शिखा सिंह ‘प्रज्ञा’ के बारे में जानने के लिए पढ़ें यहाँ ।
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PC: Markus Winkler
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Very nice