हिम्मत न हार | Himmat Na Haar | Short poem in Hindi

कवियत्री प्रेम कुमारी सेंगर की कविता | A Hindi Poem by Prem Kumari Sengar

हिम्मत न हार | Himmat Na Haar | Short poem in Hindi | कवियत्री प्रेम कुमारी सेंगर की कविता | A Hindi Poem by Prem Kumari Sengar

संक्षिप्त परिचय: यह एक प्रेरणादायक कविता है जो पाठक को मुश्किल दौर में हिम्मत ना हारने की प्रेरणा देती है ।

ये कठिनाइयों का दौर है, मुसीबतों की है मार …
चलना है राही अकेले ,
विकट है पंथ मार..
फिर भी तू कोशिश कर, हिम्मत ना हार …
एक दिन मिल जाएगी मंजिल,
जरूर ..!!

यह महामारी का है दौर, चलना है संभल के..
कदम बढ़ाना है सोच समझ के,
बचाना है अपना घर बार.. फिर भी तू कोशिश कर, हिम्मत ना हार ….
एक दिन मंजिल मिल जाएगी,
जरूर …!!

ये विषम परिस्थितियों का दौर है ,
ना नौकरी है ना ठौर है..
पेट की भूख को ,
कैसे बुझाएँ यार..
फिर तो कोशिश कर ,
हिम्मत ना हार …
एक दिन मंजिल मिल जाएगी,
जरूर …!!


कवियत्री के बारे में जानने के लिए पढ़ें यहाँ:  कवियत्री प्रेम कुमारी सेंगर

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