रामप्रवेश पंडित जी डालटेनगंज, झारखंड में वीपीएम ज्ञान निकेतन विद्यालय में साहित्य शिक्षक हैं। गीत, कविता, कहानी लेखन एवं गायन उनकी अभिरुचियों में शामिल हैं।
वे देश के विभिन्न प्रतिष्ठित साहित्यिक मंचों से पुरस्कृत हैं और आकाशवाणी एवं दूरदर्शन में स्वरचित कार्यक्रम प्रस्तुत भी कर चुके हैं।
पढ़िए उनकी कविताएँ:
- प्रेम में शक्ति अपार: प्रेम संसार की अमूल्य निधि है ।इसके द्वारा किसी को भी वश में किया जा सकता है। जो प्रेम के महत्व को समझता है। वही संसार में सबसे बड़ा ज्ञानी है। मनुष्य ही नहीं पशु पक्षी भी प्रेम सेवशीभूत हो जाते हैं। इसी संदर्भ में रचित है प्रेम पर मेरी यह हिन्दी कविता ।
- मुझे मत मार: एक तरफ़ जहां भारत प्रगतिशील देश है वहीं आज भी ऐसी कुरीतियाँ हैं जो लोग नहीं छोड़ पा रहे हैं। ऐसी ही एक कुरीति है कन्या भ्रूण हत्या की। ऐसी कुरीति का पालन ना करने की प्रेरणा देती पढ़िए यह कन्या भ्रूण हत्या पर कविता।
- स्वार्थी संसार: इस कविता में कवि बता रहे हैं कि कैसे दुनिया में सभी स्वार्थी हैं और सब के हित के लिए यह संसार क्या कर सकता है। पढ़िए यह हिन्दी में कविता।
- विषय स्वदेशी: स्वदेशी पर यह कविता स्वदेशी समान अपनाने की प्रेरणा देती है। साथ ही स्वदेशी अपनाने के महत्व को समझाती है।
- भाईचारा: यह कविता आपस में भाईचारे की भावना का महत्व समझाती है।
- रक्षाबंधन (राखी): यह कविता रक्षा बंधन के त्योहार का सुंदरता से वर्णन करती है।
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