संक्षिप्त परिचय : ज़िंदगी में इंसान करना बहुत कुछ चाहता है, तो कभी घबराता भी है पर आख़िर क्या होगा ये कौन बता सकता है? कुछ ऐसी ही बात समझाती है योगेश नारायण दीक्षित जी की यह कविता ।
मन का पंछी नित नए सपने संजो रहा है
इक नई उड़ान की वो चाहत जगा रहा है।
अंधेरों का डर, टूटकर बिखरने का खौफ
न जाने किस हौसले पर, वो इतरा रहा है।
मिलेंगे अनगिनत कांटे,पता तो उसको भी है
मिलेगा रहबर, इस उम्मीद पर बढ़ा जा रहा है।
तुम्हारे खोने का गम, किसी से मिलने की चाह
यही गीत तो जिंदगी है,जिसे वो गुनगुना रहा है।
#यूंही #दोलाईना #योगेश
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कविता के लेखक योगेश नारायण दीक्षित जी के बारे में जानने के लिए पढ़ें यहाँ ।
उनकी कवितायें पढ़िए यहाँ:
- वसंत बसंत: बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर आस पास की ख़ूबसूरती का अनूठे ढंग से वर्णन करती है योगेश नारायण दीक्षित जी की यह कविता ।
- वेलेंटाइन: वेलेंटाइन डे – यह वह दिन है जो प्रेम के लिए है। जिसे दुनिया भर के प्रेमी धूमधाम से मनाते हैं। ऐसे में जीवन में प्रेम को कुछ अनूठे ही ढंग से पेश करती है योगेश नारायण दीक्षित जी की यह वेलेंटाइन डे पर कविता ।
- लोकतंत्र? | गणतंत्र दिवस पर कविता : गणतंत्र दिवस है और हम आज़ाद हैं, हाँ! पर कुछ सवाल कहीं ना कहीं तो आप में उठते ही होंगे। कुछ ऐसे ही सवालों की ओर ध्यान आकर्षित करती है यह कविता।
- कृषि कानून: आज भारत में कई किसान कृषि क़ानून का विरोध कर रहे हैं। आज के इसी माहौल पर कुछ अनोखे ढंग से प्रकाश डालती योगेश नारायण दीक्षित जी की यह कविता ।
- क्रिसमस का उल्लास: साल के आख़िरी माह दिसंबर और आने वाले नए साल की शुभकामनाएँ लिए यह छोटी सी हिंदी कविता ‘क्रिसमस का उल्लास’।
- बाजारों में तुम खूब चलोगे: इस दुनिया में कुछ चीजें क्यों होती हैं ये किसी को समझ नहीं आता। ऐसे ही कुछ पहलूओं पर व्यंग्य करती है ये व्यंग्यात्मक कविता ‘बाजारों में तुम खूब चलोगे’ ।
- देर नहीं लगती: इस जीवन में हम अलग अलग तरह के लोगों से मिलते हैं और बात करते हैं। कभी कहीं सच देखते और सुनते हैं और कहीं झूठ। ऐसे ही जीवन के सच और झूठ पर यह कविता।
- दिल कागज पर लिख लाया है: कभी अगर आपका दिल आपसे कुछ कहना चाहे, तो वो क्या कहेगा? कुछ ऐसे ही सवाल का जवाब देने की कोशिश कर रहे हैं कवि अपनी कविता ‘दिल कागज पर लिख लाया है’ के माध्यम से।
पढ़िए ज़िंदगी पर और कविताएँ यहाँ :-
- मेरी शुरुआत: जीवन में आगे बढ़ने के लिए ज़रूरी नहीं कि सब कुछ सही हो, कभी कभी पुरानी बातों को भूल कर नयी शुरुआत भी करनी पड़ती है। ऐसी ही एक सीख देती है कवि सौरव मिश्रा की सकारात्मक सोच पर यह कविता ।
- हिसाब जिंदगी का : अगर अपने जीवन के संघर्ष के हिसाब को कभी आप एक कविता में पिरोएँगे तो वह कविता भी उषा रानी जी की यह कविता जैसी ही होगी।
- भंवर तनावों के: आज इंसान ने तरक़्क़ी तो बहुत कर ली है पर क्या वो जिस सुकून की तलाश में था वो उसे मिल पाया है? जीवन पथ के कुछ ऐसे ही संघर्ष पर प्रकाश डालती है उषा रानी जी की यह कविता ।
- तू ज़िंदगी है: ‘तू ज़िंदगी है’ एक हिंदी कविता है जिसे कवि ज़ुबैर खाँन ने लिखा है। इस कविता में कवि अपने दिल के प्रेम को सुंदर शब्दों में बयाँ कर रहे हैं।
- ऐ दिल तू ज़रा सी खुशी ढूंढ ले : इस सुंदर हिंदी कविता के ज़रिए कवयित्री गुंजन सिंह खुश रहने की प्रेरणा दे रही हैं। कई बार ऐसा हो जाता है कि लगता है अब ज़िंदगी में खुश होने की वजह नहीं हैं – उन पलों का ज़िक्र करती हुई यह हिंदी कविता ।
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Photo by Ravi Roshan
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