संक्षिप्त परिचय: जैसा कि कविता के शीर्षक से प्रत्यक्ष है, यह कविता एक भावांजलि है राष्ट्र को। यह कविता गणतंत्र दिवस विशेष है, इस कविता को लिखा है कवि प्रभात शर्मा जी ने ।
राष्ट्र ही आराधना है , राष्ट्र ही मेरा सुधर्म ,
राष्ट्र ही बस वन्दना है , राष्ट्र ही मेरा सुकर्म ,
राष्ट्र को ही हूं समर्पित ,मैं मेरे मन,क्रम ,वचन ,
राष्ट्र सबका राष्ट्र के सब,राष्ट्र को शत-शत नमन ।
धन-मन मेरा है राष्ट्र का , राष्ट्र को अर्पित यह तन ,
राष्ट्रवादी हों देशवासी , हो राष्ट्रवादी प्रत्येक जन ,
काट कर विद्वेष के तम , हो उदय नव भास्करम् ,
आज निकले हर हृदय से, बस एक वन्देमातरम् । “
…….. प्रभात शर्मा २६.०१.२०२१🙏🌹🙏
कैसी लगी आपको गणतंत्र दिवस पर यह विशेष कविता ? कॉमेंट कर के ज़रूर बताएँ और कवि को भी प्रोत्साहित करें।
कवि प्रभात शर्मा जी के बारे में जानने के लिए पढ़ें यहाँ ।
पढ़िए गणतंत्र दिवस विशेष और कविताएँ:
- लोकतंत्र? | गणतंत्र दिवस पर कविता: गणतंत्र दिवस है और हम आज़ाद हैं, हाँ! पर कुछ सवाल कहीं ना कहीं तो आप में उठते ही होंगे। कुछ ऐसे ही सवालों की ओर ध्यान आकर्षित करती है यह कविता।
- वीर देश | गणतंत्र दिवस कविता : गणतंत्र दिवस पर विशेष रूप से लिखी गयी यह कविता भारत देश का गुणगान करती है।
- जवान तुझे सलाम | गणतंत्र दिवस पर कविता: गणतंत्र दिवस विशेष, यह कविता भारत के उन वीर जवानों को सलाम करती है जिन्होंने देश के लिए अपने जान देने से पहले एक बार नहीं सोचा ।
- देश के वीर सिपाही | गणतंत्र दिवस कविता : गणतंत्र दिवस, एक ऐसा दिन जब भारत एक गणतंत्र बना और हर साल इस दिन हम अपने वीर जवानों को याद भी करते हैं। ऐसे ही देश के वीर सिपाहियों पर यह कविता ।
- वीर जवानों की गाथाएँ | गणतंत्र दिवस की कविता: भारत देश की आज़ादी, उसका मान, उसकी वीरगाथा उसके वीर जवानों के बिना कैसे पूरी होगी? उन्ही वीर जवानों को समर्पित यह कविता – गणतंत्र दिवस विशेष, सुंदरी अहिरवार की यह कविता।
पढ़िए कवि प्रभात शर्मा जी की अन्य कविताएँ :
- एक भावांजलि ….. नया साल 2021: नववर्ष २०२१ के उपलक्ष्य में आपके लिए ढेर सारी शुभ कामनाएँ लिए प्रभात शर्मा जी की नया साल पर यह कविता।
- एक भावांजलि ….. पत्थर को: एक पत्थर के जन्म से ले कर पत्थर की अनेकों विशेषताओं का वर्णन करती ये पत्थर पर कविता, पत्थर को सही मायने में भावांजलि है।
- स्वर्ण-प्रकाश: प्रकृति पर उत्कृष्ट कविता ।
- सजल-नयन: यह सुंदर कविता उस क्षण का विवरण करती है जब हम अपने अंत:करण के प्रेम का सत्य समझ लेते हैं।
- एक भावांजलि दिवंगत को: दिवंगत को भावांजलि देती हुई एक कविता।
- एक भावांजलि….. हिन्दी भाषा को : हिंदी दिवस पर यह कविता – हिंदी भाषा की विशेषताओं का सुंदरता से वर्णन करती है।
- एक भावांजलि ….कवि मन को : यह एक प्रेरक कविता है जिसे लिखा है कवि प्रभात शर्मा जी ने। इस कविता के माध्यम से वे कवियों को सत्य और साहस के पथ पर चलने की प्रेरणा दे रहे हैं।
अगर आप भी कहानियाँ या कविताएँ लिखते हैं और बतौर लेखक आगे बढ़ना चाहते हैं तो हमसे ज़रूर सम्पर्क करें storiesdilse@gmail.com पर। आप हमें अपनी रचनाएँ यहाँ भी भेज सकते हैं: https://storiesdilse.in/submit-your-stories-poems/
875 total views