संक्षिप्त परिचय: भारत में हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। साथ ही भारतीयों में कई लोगों की मातृभाषा भी। फिर भी लोग इसे बोलने में शर्म महसूस करते हैं। ऐसे ही लोगों को हिंदी भाषा को अपनाने की प्रेरणा देती आरती वत्स की यह कविता हिंदी भाषा पर।
हिंदी बोलने में
हम इतना क्यूँ शर्माते हैं
अंग्रेज़ी आती नहीं
फिर भी आत्मविश्वास से बतलाते हैं
छोड़ कर अभिव्यक्ति की अपनी मातृभाषा
हम व्यर्थ ही अंग्रेज़ी में बोल कर
अपने आप को बड़ा दिखलाते हैं
हिंदी है शान हमारी
हिंदी से हिंदुस्तान है
चलो आज सबको
हम ये बताते हैं
गर्व से आज हम हिंदी को अपनाते हैं
हिंदी सिर्फ भाषा नहीं
हिंदी हमारी पहचान है
हिंदी आशीर्वाद है
हिंदी हमारी विरासत है
हिंदी से विश्व में हमारी पहचान है
हिंदी की बात निराली है
हिंदी संस्कृति हमारी है
अपने अस्तित्व को खोने से पहले
हमें हिंदी भाषा को बचाना है
सबको मिलकर एक ही नारा लगाना है
हिंदी है हम
हिंदी से हिंदुस्तान है
चलो आज सबको ये बताना है
हिंदी को सिर्फ 14 सितंबर को ही याद मत करो
हिंदी बचाओ अभियान
हर रोज सरेआम करो
हिंदी बोलने में
अब तुम मत शर्माओ
हिंदी हैं हम
गर्व से सबको बतलाओ
इसे खोने से पहले ही बचाओ।।
-आरती वत्स
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कविता की लेखिका आरती वत्स के बारे में जानने के लिए पढ़ें यहाँ ।
पढ़िए आरती वत्स की लिखी हुई और कविताएँ:
- डूबता चला जाता हूँ: जब एक प्रेमी अपनी प्रेमिका के लिए कविता लिखेगा तो उसमें क्या लिखेगा? शायद वो प्रेम की कविता आरती वत्स की यह कविता ‘डूबता चला जाता हूँ’ के जैसी ही होगी।
- हमसफ़र: जब एक स्त्री अपने जीवनसाथी को देखती है तो उसके मन में ज़रूर कुछ सवाल उठते होंगे, जिन्हें वो कभी पूछ पाती होगी कभी नहीं। उन्हीं प्रश्नों को अपनी कविता में ख़ूबसूरती से उकेरा है कवयित्री आरती वत्स ने।
- बदल गई हूँ मैं: आरती वत्स की यह कविता लिखी गयी है महिला के दृष्टिकोण से समाज के लिए। एक महिला पर पुरुष-प्रधान समाज की सोच क्या असर डाल सकती है, यह कविता आपको बताएगी।
- देवी शक्ति: यह कविता देवी शक्ति और आज की नारी शक्ति के अनेक रूपों का बहुत ही सुंदरता से वर्णन करती है। साथ ही आज के समाज को एक आईना भी दिखाती है।
- शिव शक्ति : आरती वत्स की यह कविता देवी शक्ति के बारे में है। इस कविता में वे देवी शक्ति के विभिन्न गुणों और विशेषताओं का सुंदरता से वर्णन करती है।
- अधूरी कहानी: आरती वत्स इस कविता में उस साथ की बात कर रही हैं जो कुछ लम्हों का ही था। वे उस राह की बात कर रही हैं जो आगे जा कर दो रास्तों में बँट जानी थी।
- मर्द: यह कविता आपको मिलाएगी एक आदर्श पुरुष से। आज के मर्द से।
- पत्रकारिता: पत्रकारिता के महत्व पर प्रकाश डालती कविता।
पढ़िए हिंदी भाषा पर और कविताएँ:
- एक भावांजलि….. हिन्दी भाषा को: हिंदी दिवस पर यह कविता – कवि प्रभात शर्मा जी ने लिखी है। इस कविता में प्रभात शर्मा जी हिंदी भाषा की विशेषताओं बता रहे हैं।
- साहित्य की बिंदी: कवि अनिल पटेल की यह सुंदर कविता, हिंदी भाषा पर है। यह कविता हिंदी के गुणों की व्याख्या करते हुए हिंदी पढ़ने की प्रेरणा देती है।
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