संक्षिप्त परिचय :- शिमला का सफ़र अगर आप किसी के लफ़्ज़ों में करना चाहते हैं तो यह कहानी आपके लिए है। आरती वत्स जी की यह कहानी पढ़ कर आप भी शिमला की यात्रा ज़रूर करना चाहेंगे।
समझाना थोड़ा मुश्किल हो गया,
पहाड़ों की खूबसूरती से
मुझे इश्क़ हो गया ।
ख़ैर ये इश्क़ भी मुकम्मल ना हुआ
क्यूँकि मेरा शहर इन वादियों से बहुत दूर हो गया ।
मन में बसी है अब
कुछ यादगार यादें व
हसीन बीतें लम्हें,
मानो बस यहीं अब जीने का अधूरा-सा बहाना हो गया।।
मैं, तुम और गर्मागर्म चाय का प्याला हो ,
हसीन वादियाँ के बीच शुरू खूबसूरत सफ़र हमारा हो ।
न मजहब-जात ,न उम्र,न रंग-रूप की बात हो ,
शिमला में आए हो तो
बस इस खूबसूरत जन्नत की बात हो।।
एक बेहतर व खुशहाल सफर अच्छे व अज़ीज़ लोगों से शुरू होता है तो इससे ज़िंदगी का हर सफर आसान हो जाता है और ऐसे ही ज़िंदगी की हर यात्रा खट्ठे-मीठे एहसासों व अनुभवों से गुजरती है और आपके व्यक्तित्व व जीवन की डगर में एक निख़ार लाती है ।
मेरी ज़िंदगी की हर यात्रा का अपना एक अलग पड़ाव व अनुभव रहा है और मुझे उनसे सीखने और अच्छी यादें एकत्रित करने का मौक़ा भी मिला है। बचपन से ही मुझे घूमने-फिरने का शौक़ रहा है। नई जगहों पर जाना और उनके बारे में जानना मुझे आकर्षित करता रहा है। आप मान सकते है कि दुनिया के बारे में जानना, नए स्थानों ,नए लोगों से मिलना आदि मुझे रोचक लगता है। ऐसे ही एक सफ़र की शुरुआत मैंने हाल के ही दिनों में की है।
ज़िंदगी में जब-जब मोहब्बत का ज़िक्र हुआ,
सफ़र और हमसफ़र दोनों की
यादों और बातों का सिलसिला
‘शिमला की वादियों’ और ‘माल रोड’ की
गलियों से ही होकर गुजरा।।
‘शिमला’ नाम में ही जादू है। शिमला इश्क़ का ‘दूसरा’ नाम है। शिमला का नाम ज़बान पर आते ही सबसे पहले ख्याल आता है इश्क़ की हसीन वादियों का जो दिल और दिमाग़ दोनों को सुकून देता है। ये वादियाँ अपने आप में ही ख़ूबसूरती का सार समेटें हुई है। जब भी इन वादियों को क़रीब से देखती हूँ तो इन वादियों में ओझल होने का मन करता है। शिमला के माल रोड की अपनी ही एक ख़ूबसूरती है जो मानसून की धुंधली दिन व रात में मंद-मंद बारिश की बोछारे और लोगों का जमावड़े के ख़ुशनुमा दृश्य व हँसी का एहसास करवाता है। वहाँ मौजूद लोगों में एक अलग ही सुकून और जुनून होता है। चारों तरफ आकर्षित करती माल रोड की दिव्य प्रकाश जैसी चमकती लाइटें एक अलग ही सुरूर उत्पन्न करती है।
मैंने शिमला की वादियों को जिया और महसूस किया है। इन वादियों का एहसास भूल जाना मेरे लिए इस जन्म में तो संभव नहीं है क्यूँकि मैंने शिमला का माल रोड, चर्च, जाखु पर्वत, कुफ़री, मशोबरा, नाल्धेरा, चैल, नारकंडा और तत्तापानी जैसी जन्नतनुमा अंज की सर्दी की बर्फ़ीली जमीं से लेकर मानसून की बरसात व धुँध तक को जीया है और क्या ख़ूब जीया और महसूस किया है!! ये शब्दों में बयाँ करना थोड़ा मुश्किल है, क्यूँकि ख़ूबसूरत इश्क़ बातों से नहीं जज़्बातों से बयाँ होते हैं ।
जब-जब आप शहर की चहल-पहल से दूर इन वादियों में प्रवेश करोगे, दिल में उमड़े रह-ए-सैलाब को कुछ पल का ठहराव मिलेगा। सावन की फुहार और इश्क़ की बरसात हृदय को वादियों में विलीन होने पर मजबूर करती है।वादियों की ख़ुशबू, हवाओं की रूहानी छुअन आपको प्रकृति से प्रेम करने पर मजबूर कर देती है और यक़ीन मानिए ये प्रेम दुनिया के सभी प्रेम से ख़ूबसूरत और सुकून-भरा है। इस प्रेम में फ़क़ीर भी अमीर होता है।
इन पहाड़ों की ख़ूबसूरती मैदान के ठहराव से कहीं ज़्यादा बेहतर होती है। यहाँ बारिश की रिमझिम फुहार पायल-सी मीठी धुन सुनाती है तो कभी फ़िज़ाएँ किसी प्रेमी के होने का एहसास दिलाती है। मानो ये फ़िज़ाये कोई प्रेम राग गुनगुना रही हो। नीले अंबर के नीचे बहते झरने और नदियाँ किसी मंज़िल की तलाश में अज्ञात रास्ते में मुसाफ़िर बने पत्थर-कंकड़ो के साथ लगातार बहती जाती है जैसे कि किसी में फ़ना होना ही उनके वजूद का लक्ष्य हो।
शिमला की गुनगुनाती धूप पुरानी यादों की गर्माहट से बदन को सहलाती है और काली घटायें प्रीतम को पुकार लगाती है। काली घटायें न जाने कितने गहरे राज़ समेटें होती है और सीलन भरी दीवारें ज़ख़्मी दिलों का ठिकाना होती है। मानसून में नालधेरा की हरियाली और मशोबरा की जमीं पर बादलों का आगमन आपको ज़िंदगी का सबसे खूबसूरत और अनोख़ा जन्नत-सा एहसास करवाता है । मानसूनी मौसम में तत्तापानी की सतलुज नदी और उसका बहाव आपको अपने अंदर समेटने को हमेशा तत्पर रहता है। उसकी लहरें जल की महाशक्ति होने का एहसास करवाती हैं और ऊँची-ऊँची लहरें एक आख़िरी आशियाने का मंजर होती है।
ख़ैर कुल मिलाकर कहूँगी
आप भी शिमला की वादियों का मानसूनी लुफ़्त उठाइये और संसार की असली जन्नत का खुद ही आँखों देखा खूबसूरत मंजर महसूस कीजिए।यक़ीनन ये यादगार और सुकूनियत भरा सफ़र होगा।
कैसी लगी आपको यह शिमला के सफ़र की कहानी ? कॉमेंट कर के ज़रूर बताएँ और लेखिका को भी प्रोत्साहित करें।
लेखिका आरती वत्स के बारे में जानने के लिए पढ़ें : लेखिका आरती वत्स के बारे में जानने के लिए पढ़ें यहाँ ।
पढ़िए उनकी और कविताएँ यहाँ:
- हिंदी हैं हम: भारत में हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। साथ ही भारतीयों में कई लोगों की मातृभाषा भी। फिर भी लोग इसे बोलने में शर्म महसूस करते हैं। ऐसे ही लोगों को हिंदी भाषा को अपनाने की प्रेरणा देती आरती वत्स की यह कविता हिंदी भाषा पर।
- डूबता चला जाता हूँ: जब एक प्रेमी अपनी प्रेमिका के लिए कविता लिखेगा तो उसमें क्या लिखेगा? शायद वो प्रेम की कविता आरती वत्स की यह कविता ‘डूबता चला जाता हूँ’ के जैसी ही होगी।
- हमसफ़र: जब एक स्त्री अपने जीवनसाथी को देखती है तो उसके मन में ज़रूर कुछ सवाल उठते होंगे, जिन्हें वो कभी पूछ पाती होगी कभी नहीं। उन्हीं प्रश्नों को अपनी कविता में ख़ूबसूरती से उकेरा है कवयित्री आरती वत्स ने।
- बदल गई हूँ मैं: आरती वत्स की यह कविता लिखी गयी है महिला के दृष्टिकोण से समाज के लिए। एक महिला पर पुरुष-प्रधान समाज की सोच क्या असर डाल सकती है, यह कविता आपको बताएगी।
- देवी शक्ति: यह कविता देवी शक्ति और आज की नारी शक्ति के अनेक रूपों का बहुत ही सुंदरता से वर्णन करती है। साथ ही आज के समाज को एक आईना भी दिखाती है।
पढ़िए ऐसी ही कुछ कहानियाँ
- ‘मद्रास की मुर्गी’ और ‘गुड़िया वाला अण्डा’ | एक प्यारी सी कहानी : बचपन के दिन अलग होते हैं। हर चीज़ एक अविश्वसनीय चीज़ लगती है और हम इस दुनिया को देख कर ये सोचते हैं कि यहाँ कुछ भी हो सकता है। बस ऐसे ही भोलेपन को दर्शाती और दिल को गुदगुदाती है ये प्यारी सी कहानी ।
- एक झूठ | भावपूर्ण कहानी: आपने कभी झूठ के बारे में सोचा? उसके बारे में सुनने तो को यही मिलता है कि झूठ ग़लत है। पर क्या कभी ऐसा हो सकता है कि झूठ सही लगने लगे? पढ़िए तुलसी पिल्लई की यह भावपूर्ण कहानी जो आपको यह सोचने के लिए ज़रूर मजबूर करेगी।
- मेरा ठुमका अप्पा पर पड़ा भारी: यह कहानी लेखिका तुलसी पिल्लई ‘वृंदा’ के बचपन की है, जब एक बार उन्होंने अपने अप्पा को अपना डांस दिखाना चाहा पर अप्पा ने मना कर दिया। जानिए क्या हुआ आगे।
- दाढ़ी बनाने की कला: लेखिका अप्पा को दाढ़ी बनाते हुए देखती हैं और फिर उनका भी मन करता है कि वो उनकी दाढ़ी बनाएँ। पर क्या वो उनकी दाढ़ी बना पाती हैं? जानने के लिए पढ़िए लेखिका तुलसी पिल्लई “वृंदा” की बचपन को याद करती यह कहानी “दाढ़ी बनाने की कला”।
अगर आप भी कहानियाँ या कविताएँ लिखते हैं और बतौर लेखक आगे बढ़ना चाहते हैं तो हमसे ज़रूर सम्पर्क करें storiesdilse@gmail.com पर। आप हमें अपनी रचनाएँ यहाँ भी भेज सकते हैं: https://storiesdilse.in/submit-your-stories-poems/
649 total views
thank you storiesdilse 😊
Awesome ❤️😍😍🥰