नव वर्ष का स्वागत | एक कविता

उषा रानी जी की कविता | A Hindi Poem by Usha Rani

नव वर्ष का स्वागत | उषा रानी जी की कविता

संक्षिप्त परिचय: नव वर्ष के स्वागत के लिए आप क्या करेंगे? उषा रानी जी की नववर्ष २०२२ के उपलक्ष्य में यह कविता आपको कुछ प्रेरणा ज़रूर देगी।

नव वर्ष का स्वागत करेंगे,
सबके लिए दुआ करेंगे!

जीवन हर पल मुस्कुराये,
मिलने की हम दुआ करेंगे !

मौसम सुहाना हो जाये,
ये ही हम फरियाद करेंगे!

हम सबकी खुशी चाहेंगे,
ये ही हर पल अरदास करेंगे!

खुली हवा में घूम सके हम,
पेड़- पौधों की सेवा करेंगे!

अपनों का साथ बना रहे,
खुशियों का बाजार करेंगे!

स्वरचित कविता
उषा माहेश्वरीपुंगलिया जोधपुर


कैसी लगी आपको नव वर्ष पर कविता , “नव वर्ष का स्वागतरा संसार हो’’, ? कॉमेंट कर के ज़रूर बताएँ और कवयित्री को भी प्रोत्साहित करें।
कविता की लेखिका उषा रानी के बारे में जानने के लिए पढ़ें यहाँ 


पढ़िए उनकी और कविताएँ:

  • हिसाब जिंदगी का : अगर अपने जीवन के संघर्ष के हिसाब को कभी आप एक कविता में पिरोएँगे तो वह कविता भी उषा रानी जी की यह कविता जैसी ही होगी।
  • प्रकृति को पूजो  : कवयित्री उषा रानी की यह कविता प्रकृति पर है। इस कविता में कवयित्री प्रकृति के गुणगान करती हैं तथा उस का सम्मान करने की सीख देती हैं।
  • भंवर तनावों के : आज इंसान ने तरक़्क़ी तो बहुत कर ली है पर क्या वो जिस सुकून की तलाश में था वो उसे मिल पाया है? जीवन पथ के कुछ ऐसे ही संघर्ष पर प्रकाश डालती है उषा रानी जी की यह कविता ।
  • यमराज बनी सड़कें  : सड़क सम्पूर्ण मानवता के लिए बहुत महत्वपूर्ण रही है। कई सभ्यताएँ इसी के इर्द गिर्द बसी हैं। पर आज यह सड़क ही यमराज बन गयी है। इसी विषय पर है उषा रानी जी की यह सड़क सुरक्षा पर कविता ।

पढ़िये नव वर्ष पर कविताएँ :-

  1. एक भावांजलि ….दशहरा पर : दशहरे के महत्व को शब्दों में उतारती यह एक कविता है – भावांजलि दशहरे पर। 
  2. एक भावांजलि ….. राष्ट्र को | गणतंत्र दिवस के पावन पर्व पर कविता जैसा कि कविता के शीर्षक से प्रत्यक्ष है, यह कविता एक भावांजलि है राष्ट्र को। यह कविता गणतंत्र दिवस विशेष है, इस कविता को लिखा है कवि प्रभात शर्मा जी ने ।
  3. एक भावांजलि ….. नया साल 2021: नववर्ष २०२१ के उपलक्ष्य में आपके लिए ढेर सारी शुभ कामनाएँ लिए प्रभात शर्मा जी की नया साल पर यह कविता।
  4. हमारी बेटियाँ : बेटी दिवस पर यह कविता, बड़े ही सरल शब्दों में हमारे जीवन में बेटियों के महत्व को उजागर करती है।
  5. गुरु-शिक्षक : शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में लिखी हुई यह कविता गुरु के गुणों का वर्णन करती है।
  6. मुझे याद आते हैं वो गर्मी के दिन : हम सब के लिए सब से क़ीमती होते हैं बचपन के वो मासूम दिन। इस कविता में कवयित्री अपने बचपन में बिताए गर्मी के दिनों को याद करती हैं।
  7. गणेश-जी : गणेश जी पर विशेष कविता ।

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