उपकार सारांश | Upkar Saransh

मैं उपकार सारांश राजस्थान के नीले शहर के नाम से विख्यात शहर जोधपुर के ग्रामीण इलाके से आता हूँ |
मै गाँव खुडाला तहसील लूनी का निवासी हूँ |

मै कविता कहानी और आलेख लिखता हूँ।

वर्तमान में मै B.Ed कर रहा हूँ |
B. A मैने कोटा ओपन से की थी जिसमे मै प्रथम श्रेणी से उतीर्ण हुआ था |

साहित्यक क्षेत्र में मै वर्ष 2018 मे आया जब मै अखबार मे प्रतिदिन आलेख और कविताएं पढ़ने लगा |
उसके बाद मैने बहुत सारी कविताए एंव आलेख लिखे |
दो साझा काव्य संग्रह इन्नर ( विभुति झा जी) और अपराजिता मे कविताएँ छपी है |

पढ़िए उनकी कविता:

  • तुम्हारे इंतज़ार में: कवि उपकार सारांश की यह कविता एक छोटी सी कविता है ‘इंतज़ार’ पर।
  • अजीब सी रात: यह हिन्दी कविता एक महत्वपूर्ण विषय पर प्रकाश डालती है – मानसिक स्वास्थ्य पर। हम सब मिल कर कैसे किसी की ऐसे में सहायता कर सकते हैं आइए जानिए इस कविता में।
  • घटस्थापना का पावन दिन: कवि उपकार सारांश की यह कविता माँ दुर्गा पर है। यह कविता माता दुर्गा और उनके अनेक रूपों का गुणगान करती है।
  • यूँही लोग इक रोज: उपकार सारांश जी की हिंदी में लिखी यह कविता एक कटु सत्य उजागर करती है। ऐसा सत्य जो हमें पता भी है और जिस के बारे में हम सोचना भी नहीं चाहते ।

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