संक्षिप्त परिचय : नववर्ष के उपलक्ष्य में सब के लिए शुभ और लाभ की कामना लिए है डॉ. विजय कुमार मिश्र की यह नववर्ष पर कविता ।
आओ मिल नववर्ष मनाए।।
भारत का सौभाग्य जगाएं।।
20-20 याद न आये,
सधे भाव 21 में जाएं।
आओ मिल #नववर्ष मनाए।।
नए वर्ष का स्वागत करने ,
उमड़े मन में दिव्य #हिमालय।
हर भारतवासी का तन मन ,
दमके #वेद पुराण देवालय ।।
नवलभाव से गूंज उठे मन,
ऐसी सुमधुर तान लगाएं।।
आओ मिल नववर्ष मनाए।।
#हिन्दू मुश्लिम #सिक्ख ईसाई,
भारत माता के गुण गायें।
कलमा पढ़ें #शबद पर थिरकें,
मंत्रपाठ या क्रॉस नचायें।
सबके अन्तः गूँजे एक धुन,
भारत का गौरव बढ़ जाये।।
आओ मिल नववर्ष मनाए।।
…..डॉ. विजय कुमार मिश्र….
कैसी लगी आपको नववर्ष पर यह विशेष कविता ? कॉमेंट कर के ज़रूर बताएँ और कवि को भी प्रोत्साहित करें।
कवि डॉ. विजय कुमार मिश्र जी के बारे में जानने के लिए पढ़ें यहाँ
पढ़िए नववर्ष पर एक और कविता:
- एक भावांजलि ….. नया साल 2021: नववर्ष २०२१ के उपलक्ष्य में आपके लिए ढेर सारी शुभ कामनाएँ लिए प्रभात शर्मा जी की नया साल पर यह कविता।
अगर आप भी कहानियाँ या कविताएँ लिखते हैं और बतौर लेखक आगे बढ़ना चाहते हैं तो हमसे ज़रूर सम्पर्क करें storiesdilse@gmail.com पर। आप हमें अपनी रचनाएँ यहाँ भी भेज सकते हैं: https://storiesdilse.in/guidelines-for-submission/
PC: Raimond Klavins
705 total views