बचकानी बातें | सच्चे प्यार की कविता

धीरेन्द्र पांचाल की रचना

धीरेन्द्र पांचाल की सच्चे प्यार की कविता बचकानी बातें

संक्षिप्त परिचय: क्या होता है जब प्यार हो जाता है? क्या क्या चलता है मन में? क्या होते हैं वो ख़्याल जो सोने नहीं देते? पढ़िए धीरेन्द्र पांचाल जी की कविता ‘बचकानी बातें’ में।

तेरी ये बचकानी बातें ,तेरी वो बचकानी बातें ।।
हर रोज जगाया करती मुझको वो शैतानी बातें ।
तेरी ये बचकानी बातें ………

हंसना और शर्माना तेरा करती दिल पे घातें ।
पीछे मुड़ फिर आगे बढ़ती हो जाती बरसातें ।
जुल्फ हटे गालों से खुले हजारों दिल मे खाते ।
तेरी ये बचकानी बातें ………

अधरों की लाली से झलके , चाहत की बारातें ।
माथे की सिकुड़न तेरी सब कह जाती जज़्बातें ।
तेरे ही यादों से अब तक जिंदा अपनी रातें ।
तेरी ये बचकानी बातें ………

फूलों को ही सहनी पड़ती काटों की आघातें ।
पंखुड़ियों से चलती जिनके प्यार वफ़ा के नाते ।
मिट्टी अपनी खुद करती है उस कंकड़ से बातें ।
तेरी ये बचकानी बातें ………

संगम वाली चाय प्रिये हम जाम समझ पी जाते ।
हँस करके तू जान पुकारे जीते जी मर जाते ।
गर तेरा जो साथ मिले हम खुद संगम हो जाते ।
तेरी ये बचकानी बातें ……… ✍

धीरेन्द्र पांचाल


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कविता के लेखक धीरेन्द्र पांचाल जी के बारे में जानने के लिए  यहाँ पढ़े


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  • बिना तेरे: प्रेम में बिछड़ना, अपने प्रेम के बिना रहना, उन्हें भूलने की कोशिश करना पर फिर भी ना भूल पाना – बस ऐसे ही दर्द को बयाँ करती है यह कविता ‘बिना तेरे’।
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पढिए धीरेन्द्र पांचाल की कुछ अंग्रेजी रचनाएँ :-

  • Special Friends: In this poem, the poet is talking about his special friends – read on to know about their characteristics and the quality of relationship he shares with them.
  • Tiny Tiny Eyes: This poem ‘Tiny Tiny Eyes’, written by Dhirendra Panchal describes a small and cute kid from the perspective of the Father.

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