Dher Saari Kahaniya | कहानियां हिंदी में

स्नेहपूर्ण रिश्ता: रोज़मर्रा की ज़िंदगी में यूँ ही कभी-कभी कुछ छोटी-छोटी बातों से बड़े-बड़े किस्से बन जाते हैं।ऐसा ही एक किस्से पर है यह बुजुर्गों पर कहानी ‘स्नेहपूर्ण रिश्ता’। इस कहानी की लेखिका हैं अंजु ओझा

इंतज़ार : अमेरिका में रहने वाली वाणी ने अचानक अपने पति और बेटे को सड़क हादसे में खो दिया। अपने देश वापस आकर उसने अपनी दोस्त प्रियंका की मदद से अपनी बिखरी  ज़िंदगी को फिर से संवारने की कोशिश की। क्या उसकी ज़िंदगी में दोबारा प्यार का आगमन हो पाएगा? क्या वह किसी और को अपनी ज़िंदगी में फिर से शामिल कर पाएगी? जानने के लिए पढ़िए यह कहानी। इस कहानी की लेखिका हैं आस्था अग्रवाल सिंघल

अदृश्य प्रेम : आर्य चंद्र अपनी पुरानी प्रेमिका इंदुमती को याद कर रहे हैं, पर क्या हुआ था उनके बीच? क्यों कर रहे हैं वो इंदुमती को याद? जानने के लिए पढ़िए अनिल पटेल जी की कहानी ‘अदृश्य प्रेम’। इस कहानी के लेखक हैं अनिल पटेल

शिमला की ख़ूबसूरत वादियाँ | मेरी शिमला यात्रा की कहानी – शिमला का सफ़र अगर आप किसी के लफ़्ज़ों में करना चाहते हैं तो यह कहानी आपके लिए है। आरती वत्स जी की यह कहानी पढ़ कर आप भी शिमला की यात्रा ज़रूर करना चाहेंगे। इस कहानी की लेखिका हैं आरती वत्स

धुधंली सांझ  : जीवन में सुख भी आता है और दुःख भी। कभी कभी एक ही सिक्के के दो पहलू भी हो जाते हैं ये सुख और दुःख। कुछ ऐसी ही बात बताती है लेखिका उषा रानी जी द्वारा लिखी गयी यह हिंदी कथा ‘धुंधली साँझ’।

वह पागल औरत : हमारा समाज, जहाँ आगे बढ़ने की कोशिश भी करता है वहीं कभी-कभी कुछ कुरीतियों की वजह से पीछे भी रह जाता है। एक ऐसी ही प्रथा जो आज भी परेशान करती रहती है वह है दहेज प्रथा। इसी पर एक छोटी सी कथा है लेखिका उषा रानी की यह रचना ‘वह पागल औरत’ ।

साबुन की दो बट्टी:  क्या बस साबुन की दो बट्टियाँ किसी का जीवन बदल सकती हैं? कुछ ऐसे ही सवाल का जवाब देती है लेखिका उषा रानी की यह छोटी सी कहानी जो ग़रीबी पर है – साबुन की दो बट्टी।

छप्पन भोग : लॉक्डाउन के हालात, बिगड़ता व्यापार और आर्थिक तंगी – कैसा होगा एक आम आदमी का जीवन ऐसे में? कुछ ऐसे ही हालात बयाँ करती है लेखिका उषा रानी की यह छोटी सी कहानी “छप्पन भोग”।

दादी माँ : लेखिका उषा रानी द्वारा रचित यह एक छोटी सी कहानी है जो दादी माँ के गुणों और उनकी दिनचर्या स्पष्ट करती है।

पिघलता हुआ सन्नाटा: इस जगत में हम कई मनुष्य हैं, सब के जीवन अलग हैं, और जीवन भी ऐसा कि हर मोड़ पर कुछ ना कुछ नई सीख मिलती रहती है। यह कहानी ऐसे ही रोज़मर्रा की ज़िंदगी के माध्यम से जीवन के मूल्य को समझाती हुई। इस कहानी की लेखिका हैं उषा रानी


व्यथा अंतर्मन की: कमल नारायण एक अस्पताल में भर्ती हैं। कुछ ऐसी स्थिति है कि घबराहट होना लाज़मी है। पर इसी समय में उनका मन भूले बिसरे गलियारों में भी घूम आता है। कौनसे हैं वो गलियारे? जानने के लिए पढ़िए यह कहानी ‘व्यथा अंतर्मन की’। इस कहानी की लेखिका हैं उषा रानी

सुभद्रा कुमारी चौहान

भग्नावशेष : यह कहानी उनके कहानी संग्रह ‘बिखरे मोती’ की है। क्यों एक प्रतिभा से भरी युवती, दस साल बाद बस एक भग्नावशेष प्रतीत हुई लेखक को? जानने के लिए पढ़िए ये कहानी जिसे लिखा है ‘सुभद्रा कुमारी चौहान‘ ने।

दो सखियाँ : दो सखियों हैं – मुन्नी और रामी – जिनमें से एक अमीर है एक गरीब। पर साथ में पढ़ने लिखने और बड़े होने के बाद उनका जीवन कैसे एक दूसरे से बंधता है उसकी कहानी है ‘दो सखियाँ’ जिसे लिखा है ‘सुभद्रा कुमारी चौहान‘ ने।

बेगुन-कोडार | भूत की कहानी : क्या हुआ था बेगुन-कोडार रेल्वे स्टेशन पर कि उसे हमेशा के लिए बंद कर दिया गया? पढ़िए यह भूत की कहानी ‘बेगुन-कोडार’ जिसे लिखा है जुबैर खाँन ने।

कुदरती खूबसूरती:  कुदरत ने हम सब को एक जैसा बनाया, पर इंसान ने उस कुदरत पर पाबंदियाँ लगा दीं, सरहदें बना दिन। पर आज भी कुछ लोग हैं जिनकी इंसानियत इन सरहदों और पाबंदियों के ऊपर हैं। पढ़िए कुछ ऐसे ही लोगों पर यह कहानी जिसे लिखा है रानी कुशवाह ने।

इंजीनियर बिटिया: शिखा सिंह ‘प्रज्ञा’ की यह एक प्रेरणादायक लघु कहानी है। यह कहानी शिक्षा के महत्व को समझाती हुई नारी सशक्तिकरण की प्रेरणा देती है।

जीवन का झरना | कहानी: झरना हो या नदी, वे तो आज़ाद होते है, मदमस्त जहाँ चाहें बहते हैं वहाँ और निरंतर बहते रहते हैं। क्या ऐसा ही जीवन होता है? कुछ ऐसे सवाल उठाती है सुंदरी अहिरवार की यह कहानी – जीवन का झरना ।

जादुई कलम: सुन्दरी अहिरवार द्वारा लिखा गया यह हिंदी नाटक, समाज में व्याप्त कई सारी बुराइयों को दूर करने के लिए जागरूकता की प्रेरणा देता है।

बुद्धु का काँटा: बुद्धु का काँटा, चन्द्रधर शर्मा गुलेरी जी द्वारा लिखी गयी एक नटखट प्रेम कहानी है जो आपको ले जाएगी पुराने समय में।साथ ही आपका दिल भी गुदगुदा देगी।

अघोरी का मोह :  क्या होता है मोह? क्या होता है प्रेम? एक अघोरी का हृदय मोह-मुक्त होता है या प्रेम-मुक्त? आपको ये सब सोचने पर मजबूर कर देगी जयशंकर प्रसाद की कहानी “अघोरी का मोह”।

पतंगबाज़ी कॉम्पिटिशन: लेखिका भावना सविता द्वारा लिखी गयी यह कहानी एक पतंगबाज़ी कॉम्पिटिशन पर कहानी है जो आम पतंगबाज़ी कॉम्पिटिशन से कुछ अलग है। कैसे अलग है ? जानने के लिए पढ़िए यह कहानी।

साथ: लेखिका भावना सविता द्वारा लिखी गयी यह कहानी एक अनूठी प्रेम कहानी है जो आप को सच्चे प्रेम पर फिर से विश्वास दिल देगी।

हुक्का पानी: तम्बाकू और भारत में उसके सेवन पर एक हास्य व्यंग्य। इस कहानी के लेखक हैं बेढब बनारसी

अफवाह: क्यों लोग सच्चाई से ज़्यादा अफवाह में विश्वास कर लेते हैं? समाज में अफ़वाहों के बढ़ते चलन पर एक हास्य व्यंग्य। यह व्यंग्य आज भी उतना ही सटीक है जितना पहले हुआ करता होगा। इस कहानी के लेखक हैं बेढब बनारसी

बद अच्छा बदनाम बुरा: आजकल ज़माना ऐसा है कि इसमें बुरा होना बुरी बात नहीं हैं परंतु बदनाम नहीं होना चाहिए, पढ़िए इसी पर एक हास्य व्यंग्य। इस कहानी के लेखक हैं
बेढब बनारसी

बुरे फंसे : मीटिंग में: लेखक बहुत जतन के बाद भी एक मीटिंग में से नहीं निकल पाते। बहुत देर होने के बाद भी उन्हें रुकना पड़ता है। जानिए क्यूँ? इस कहानी के लेखक हैं बेढब बनारसी

कौशल : अजीब ही है पति-पत्नी का रिश्ता। इसमें हंसी भी है रुदन भी। लड़ाई भी है मिलन भी। सुख भी है दुःख भी। पर फिर भी एक दूसरे के साथ रहें तभी रिश्ता पूरा है। फिर जब पति, पत्नी की कोई तीव्र इच्छा पति पूरा नहीं करता तो पत्नी को क्या करना पड़ता है? जानिए मुंशी प्रेमचंद जी की कहानी कौशल में।

कफ़न : मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखी गयी ‘कफ़न’, एक छोटी कहानी है। यह कहानी २ गरीब आदमियों की ज़िंदगी के एक दिन पर आधारित है। ये २ लोग बहुत आलसी हैं और काम करना भी नहीं चाहते। यह इसीलिए कि काम करने वाले लोग भी बुरी हालत में ही होते हैं। तो ये थोड़ा बहुत खा पी कर ही खुश रहते हैं।

आत्माराम : महादेव को सबसे प्यारा अपना तोता आत्माराम है। परंतु एक दिन महादेव का जीवन बदल जाता है उसके आत्माराम के लिए प्रेम की वजह से ही। जानिए ऐसा क्या घटित हो जाता है एक ही दिन में – मुंशी प्रेमचंदकी कहानी आत्माराम में ।

राष्ट्र का सेवक : राष्ट्र का सेवक, मुंशी प्रेमचंद जी की कहानी, बहुत ही सरल ढंग से एक महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाती है । यह दर्शाती है कि कभी कभी लोग जो उपदेश देते हैं उसका पालन कर पाना खुद उनके लिए कठिन होता है ।

आत्म-संगीत : क्या होता है जब एक बड़े देश की रानी भक्ति में लीन हो जाती है ? क्या है आत्म-संगीत ? क्या है सुख ? इन्हीं सब के इर्द-गिर्द घूमती प्रेमचंद की कहानी ‘आत्म-संगीत’ प्रस्तुत है आपके पढ़ने के लिए ।

विजय: आजादी, स्वतंत्रता सभी को भाति है। लेकिन इस आजादी का महत्व वही जनता है, जिसने गुलामी का दर्द देखा हो। ऐसा कैसे? जानने के लिए पढ़िए मुंशी प्रेमचंद की ये कहानी ।

शंखनाद: गुमान यह नहीं समझता कि उसके लिए जीवन में कुछ कार्य करना ज़रूरी है । पर अचानक कुछ ऐसा होता है कि उसके लिए सब बदल जाता है। ऐसा क्या होता है ? पढ़िए मुंशी प्रेमचंद की यह कहानी।

रक्षा-बंधन: यह कहानी एक परिवार को रक्षा बंधन से वापस पिरोने की कहानी है । इस कहानी के लेखक हैं विश्वंभर नाथ शर्मा ‘कौशिक

लिली :लिली एक लघु प्रेम कथा है उस समय पर आधारित जब अंतर्जातिय विवाह नहीं हुआ करते थे। खूब पढ़ लेने के बावजूद भी पद्मा के पिता की सोच जातिवाद तक ही सीमित रहती है । उनकी जातिवादी सोच और पद्मा की आधुनिक सोच उन दोनों से क्या करवाती है – जानने के लिए पढ़िए पूरी कहानी – लिली, जिसके लेखक हैं सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ जी

लेखिका – तुलसी पिल्लई “वृंदा”

होमवर्क | बचपन के लक्ष्य की कहानी: लेखिका तुलसी पिल्लई ‘वृंदा’ की यह कहानी उनके अप्पा के सपने पर है। बचपन के सपने को लेखिका अपने लक्ष्य के रूप में भी देखती हैं। पढ़िए यह कहानी और जानिए कि क्या अप्पा का सपना पूरा हो पाया?

‘मद्रास की मुर्गी’ और ‘गुड़िया वाला अण्डा’ | एक प्यारी सी कहानी : बचपन के दिन अलग होते हैं। हर चीज़ एक अविश्वसनीय चीज़ लगती है और हम इस दुनिया को देख कर ये सोचते हैं कि यहाँ कुछ भी हो सकता है। बस ऐसे ही भोलेपन को दर्शाती और दिल को गुदगुदाती है ये प्यारी सी कहानी जिसे लिखा है लेखिका तुलसी पिल्लई “वृंदा” ने।

एक झूठ | भावपूर्ण कहानी: आपने कभी झूठ के बारे में सोचा? उसके बारे में सुनने तो को यही मिलता है कि झूठ ग़लत है। पर क्या कभी ऐसा हो सकता है कि झूठ सही लगने लगे? पढ़िए तुलसी पिल्लई की यह भावपूर्ण कहानी जो आपको यह सोचने के लिए ज़रूर मजबूर करेगी।

मेरा ठुमका अप्पा पर पड़ा भारी: यह कहानी लेखिका तुलसी पिल्लई ‘वृंदा’ के बचपन की है, जब एक बार उन्होंने अपने अप्पा को अपना डांस दिखाना चाहा पर अप्पा ने मना कर दिया। जानिए क्या हुआ आगे।

दाढ़ी बनाने की कला: लेखिका अप्पा को दाढ़ी बनाते हुए देखती हैं और फिर उनका भी मन करता है कि वो उनकी दाढ़ी बनाएँ। पर क्या वो उनकी दाढ़ी बना पाती हैं? जानने के लिए पढ़िए लेखिका तुलसी पिल्लई “वृंदा” की बचपन को याद करती यह कहानी “दाढ़ी बनाने की कला”।

पैसों का पेड़ (भाग-1):  यह कहानी पाँच भागों में लिखी गयी है और यह इस कहानी का पहला भाग है। इस कहानी में लेखिका तुलसी पिल्लई “वृंदा” अपने बचपन के दिनों का एक दिलचस्प क़िस्सा साझा कर रही हैं।

पैसों का पेड़ (भाग-२): यह कहानी ‘पैसों का पेड़’ कहानी का दूसरा भाग है जिसे लिखा है लेखिका तुलसी पिल्लई “वृंदा” ने।

पैसों का पेड़ (भाग-3): यह कहानी ‘पैसों का पेड़’ कहानी का तीसरा भाग है जिसे लिखा है लेखिका तुलसी पिल्लई “वृंदा” ने।

पैसों का पेड़ (भाग-४): यह कहानी ‘पैसों का पेड़’ कहानी का चौथा भाग है जिसे लिखा है लेखिका तुलसी पिल्लई “वृंदा” ने।

पैसों का पेड़ (भाग-5): यह है कहानी ‘पैसों का पेड़’ का पाँचवा और आख़िरी भाग जिसे लिखा है लेखिका तुलसी पिल्लई “वृंदा” ने।

एक सुंदर और भावपूर्ण कहानी मोर के प्रेम, भावनाओं और परवाह पर – नीलकंठ-मोर , लेखक – महादेवी वर्मा

कितना सहना पड़ता है एक गाय को उस देश में जहाँ उन्हें पूजा भी जाता है, पढ़िये इस कहानी में – गौरा गाय , लेखक – महादेवी वर्मा

एक मासूम दिखने वाला ख़रगोश क्यों बन गया झगड़ालू और ग़ुस्सैल? पढ़िए इस कहानी में – दुर्मुख खरगोश , लेखक – महादेवी वर्मा

कैसे एक नादान और जंगली गिलहरी का बच्चा – पालतू और जिगर का टुकड़ा बन गया लेखिका के लिए? पढ़िये इस कहानी में – गिल्लू , लेखक – महादेवी वर्मा

आख़िर क्यों निश्चय किया लेखिका ने फिर से हिरण न पालने का? पढ़िए इस बेहद भावपूर्ण, एक हिरणी की अटखेलियों से भरी कहानी में – सोना हिरनी , लेखक – महादेवी वर्मा

कहानी एक अनोखे कुत्ते की। जिसने स्नेह दिया सबको। जिस पर विश्वास किया सबने। एक कहानी ऐसे कुत्ते की जिसने निस्वार्थ भाव से बिल्ली चूहे खरगोश पक्षी आदि सब की रक्षा की। – नीलू कुत्ता, लेखक – महादेवी वर्मा

एक बच्ची और उसके तीन पालतू जानवर। उनके निःस्वार्थ प्रेम और प्रीति की मासूम कहानी-निक्की, रोज़ी और रानी , लेखक – महादेवी वर्मा

बिंदा: यह जीवन हमें कई परिस्थितियाँ दिखाता है, परंतु जीवन में यदि हम कभी परेशान होते हैं तो सबसे पहले याद आती है माँ। क्या हो अगर यह माँ ना हो? और क्या हो अगर यह माँ, माँ जैसी ना हो? महादेवी वर्मा की बहुत ही भावुक कर देने वाली यह कहानी बिंदा।

घीसा : महादेवी वर्मा की यह भावपूर्ण कहानी घीस एक नन्हे से विद्यार्थी पर है, जो था तो छोटा पर जिसका दिल बहुत बड़ा था।

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Padhiye Hindi Mein Ye Kahaniyan

Padhiye ye hindi kahaniyan storiesdilse.in par:

  • शिमला की ख़ूबसूरत वादियाँ | मेरी शिमला यात्रा की कहानी – शिमला का सफ़र अगर आप किसी के लफ़्ज़ों में करना चाहते हैं तो यह कहानी आपके लिए है। आरती वत्स जी की यह कहानी पढ़ कर आप भी शिमला की यात्रा ज़रूर करना चाहेंगे।
  • स्नेहपूर्ण रिश्ता: रोज़मर्रा की ज़िंदगी में यूँ ही कभी-कभी कुछ छोटी-छोटी बातों से बड़े-बड़े किससे बन जाते हैं।ऐसा ही एक किससे पर है यह बुजुर्गों पर कहानी ‘स्नेहपूर्ण रिश्ता’।
  • पतंगबाज़ी कॉम्पिटिशन: लेखिका भावना सविता द्वारा लिखी गयी यह कहानी एक पतंगबाज़ी कॉम्पिटिशन पर कहानी है जो आम पतंगबाज़ी कॉम्पिटिशन से कुछ अलग है। कैसे अलग है ? जानने के लिए पढ़िए यह कहानी।
  • इंजीनियर बिटिया: शिखा सिंह ‘प्रज्ञा’ की यह एक प्रेरणादायक लघु कहानी है। यह कहानी शिक्षा के महत्व को समझाती हुई नारी सशक्तिकरण की प्रेरणा देती है।
  • बेगुन-कोडार | भूत की कहानी : क्या हुआ था बेगुन-कोडार रेल्वे स्टेशन पर कि उसे हमेशा के लिए बंद कर दिया गया? पढ़िए यह भूत की कहानी ‘बेगुन-कोडार’ जिसे लिखा है जुबैर खाँन ने।

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  • Sampooran Kahaniyan: Shivani – Vol. 1 and 2 (Hindi Edition): शिवानी हिन्दी की एक कहानीकार एवं उपन्यासकार थीं। शिवानी का वास्तविक नाम ‘गौरा पंत’ था, किन्तु ये ‘शिवानी’ नाम से लेखन करती थीं। शिवानी का जन्म १७ अक्टूबर १९२३ को विजयदशमी के दिन राजकोट, गुजरात मे हुआ था। इनकी शिक्षा शन्तिनिकेतन में हुई।
    इस पुस्तक के दोनो खंडो में संकलित शिवानी का सम्पूर्ण कथा-संसार पाठको को पात्रों, स्थितियों, स्वप्नों, संघर्षों, विडम्बनाओं और प्रसन्नताओं की ऐसी विराट और लगभग अनंत दुनिया से परिचित कराएगा जिसमें हमारी आज की जिंदगी के विस्तार भी दिखाई देते हैं ! इस खंड में 37 कहानियां संकलित हैं जिनमें उनकी ‘लाल हवेली’, ‘विप्रलब्धा’ और ‘अपराधी कौन’ जैसी चर्चित रचनाएँ शामिल हैं !
  • 101 SADABAHAR KAHANIYAN (Hindi Edition) : “101 सदाबहार कहानियां” में सर्वकालीन सर्वश्रेष्ठ कहानियां हैं, जो स्पीरिच्युअल सायको-डाइनैमिक्स के पायनियर और बेस्टसेलर्स “मैं मन हूँ”, “मैं कृष्ण हूँ”, “आप और आपका आत्मा” और “3 आसान स्टेप्स में जीवन को जीतो” जैसी किताबों के लेखक दीप त्रिवेदी ने लिखी है। 
  • Premchand Ki Shreshth Kahaniyan (Hindi): “प्रेमचंद की श्रेष्ठ कहानियां”, यह पुस्तक मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित कहानियों का एक प्रतिष्ठित संग्रह है। मुंशी प्रेमचंद हिंदी के एक ऐसे लेखक है जो भारतीय साहित्य के इतिहास में बाकी हिस्सों से ऊपर है। इस पुस्तक में उनकी मार्मिक और सुंदर कहानियां शामिल हैं। इनमें से कुछ कहानियाँ यादगार महिला पात्रों के इर्द-गिर्द केंद्रित हैं, जैसे ‘माँ’, ‘शांति’, और ‘झांकी’, कुछ विश्वासघात जैसे ‘लंचन’ और ‘दूध का दाम’ जो सूक्ष्म रूप से लेकिन शक्तिशाली रूप से उजागर करती है प्रेमचंद के समय के सामाजिक मुद्दों के साथ-साथ कई अन्य कहानियाँ जो आपको भारत में जीवन की वास्तविकता का एक आदर्श चित्र प्रदान करेंगी।
  • Meri Priya Kahaniyaan (Hindi): वर्ष 1982 में भारतीय ज्ञानपीठ से सम्मानित और सौ से ज़्यादा रचनाओं की लेखिका अमृता प्रीतम ने अपनी कविताओं की तरह ही कहानियों में भी विशेष छाप छोड़ी है। उनकी कहानियां नारी की स्थिति, पीड़ा, विडंबना और विसंगतियों को उजागर करती हैं। नारी हृदय में व्याप्त प्रेम और करुणा का जैसा चित्रण अमृता प्रीतम ने किया है वह सीधा दिल को जाकर छूता है। ऐसी ही मार्मिक अभिव्यक्ति से ओत-प्रोत कहानियां इस संकलन में पाठकों के लिए प्रस्तुत हैं।
  • Marathi Ki Lokpriya Kahaniyan (Hindi Edition): ‘मराठी की लोकप्रिय कहानियाँ’ में हर शैली; विशेषता; विशेष-परंपरा की कहानी को समेटने की कोशिश की गई है। हर कथाकार की अपनी एक शैली और खूबी होती है। प्रयास रहा है कि प्रातिनिधिक रूप में विविधता की छटा इस संग्रह से परिलक्षित हो। मराठी कथा-संसार का फलक इतना विस्तृत है कि बहुत कुछ छूट ही जाता है; इसलिए एक अधूरापन अनुभव होता रहता है। फिर भी; अधिकांश महत्त्वपूर्ण कथाकार शामिल हुए हैं। ये विशिष्ट भी हैं और लोकप्रिय भी।

कुछ लिंक्स अफ़िलीयट लिंक्स हो सकती हैं।

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महादेवी वर्मा की प्रमुख रचनाएँ और उनके लिंक

महादेवी वर्मा (२६ मार्च १९०७ — ११ सितंबर १९८७) हिन्दी की सर्वाधिक प्रतिभावान लेखिकाओं में से हैं। उन्होंने कविताएँ एवं गद्य दोनों से ही अपने पाठकों के दिलों को छूआ है। महादेवी वर्मा की रचनाएँ ‘नीरजा’, ‘सांध्यगीत’ और ‘दीपशिखा’ प्रमुख मानी जाती हैं, ये तीनों ही कविता संग्रह हैं। 


महादेवी वर्मा की प्रमुख रचनाएँ जिन्हें आप amazon.in पर पढ़ सकते हैं

  • नीरजा | Nirja (Hindi): नीरजा महादेवी वर्मा का तीसरा कविता-संग्रह है। इसका प्रकाशन 1934 में हुआ। इसमें 1932 से 1934 तक की रचनाएँ हैं। कवयित्री सुख-दु:ख में समन्वय स्थापित करती हुई पीड़ा एवं वेदना में आनन्द की अनुभूति करती है।
  • सांध्यगीत | Sandhyageet (Hindi): सांध्यगीत महादेवी वर्मा का चौथा कविता संग्रह हैं। इसमें 1934 से 1936 ई० तक के रचित गीत हैं। 1936 में प्रकाशित इस कविता संग्रह के गीतों में नीरजा के भावों का परिपक्व रूप मिलता है। यहाँ न केवल सुख-दुख का बल्कि आँसू और वेदना, मिलन और विरह, आशा और निराशा एवं बन्धन-मुक्ति आदि का समन्वय है।
  • दीपशिखा | Deepshikha (Hindi): दीपशिखा महादेवी वर्मा जी का का पाँचवाँ कविता-संग्रह है। इसका प्रकाशन १९४२ में हुआ। इसमें १९३६ से १९४२ ई० तक के गीत हैं।
  • आत्मिका | Aatmika (Hindi Edition): यह पुस्तक महादेवी वर्मा द्वारा रचित  कविताओँ का संग्रह है।आत्मिका में संगृहीत कविताओं के बारे में स्वयं महादेवीजी ने यह स्वीकार किया है कि इसमें उनकी ऐसी रचनाएं संग्रहीत हैं जो उन की जीवन-दृष्टि, दर्शन, सौन्दर्य-बोध और काव्य-दृष्टि का परिचय दे सकेंगी।पुस्तक की भूमिका अत्यंत रोचक है जिसमें उन्होंने अपने बौद्ध भिक्षुणी बनने के विषय पर स्पष्टीकरण भी किया है।
  • यामा | Yama (Hindi): यामा एक कविता-संग्रह है जिसकी रचायिता महादेवी वर्मा जी हैं। इसमें उनके चार कविता संग्रह नीहार, नीरजा, रश्मि और सांध्यगीत संकलित किए गए हैं।
  • नीलांबरा | Neelambra (Hindi Edition): यह पुस्तक महादेवी वर्मा द्वारा रचित  कविताओँ का संग्रह है।
  • अतीत के चलचित्र | ateet Ke Chalchitra (Hindi) : यह पुस्तक एक रेखाचित्र-संग्रह है। इस पुस्तक की कहानियों में महादेवी वर्मा ने अपने संपर्क में आए साधारण जन की विशेषताओं के साथ-साथ उनके जीवन-संघर्ष का चित्रण किया है।
  • स्मृति की रेखाएँ | Smriti Ki Rekhaye (Hindi): यह पुस्तक एक संस्मरण-संग्रह है। ये संस्मरण भक्तिन, चीनी फेरीवाला, जंग बहादुर, मुन्नू, ठकुरी बाबा, बिबिया, गुंगिया के जीवन के सच को कलात्मकता से कथात्मक रूप में प्रस्तुत करते है।
  • पथ के साथी | Path Ke Sathi (Hindi): यह पुस्तक भी एक रेखाचित्र-संग्रह है। इस पुस्तक की कहानियों में महादेवी वर्मा ने अपने समकालीन साहित्यकारों जैसे रवीन्द्रनाथ ठाकुर, मैथिलीशरण गुप्त, सुभद्रा कुमारी चौहान, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ के स्मृति चित्र उकेरे हैं ।
  • मेरा परिवार | Mera Pariwar(Hindi) : यह पुस्तक एक संस्मरण-संग्रह है। इस पुस्तक में महादेवी वर्मा ने अपने पालतू पशु-पक्षियों के संस्मरण लिखे हैं। महादेवी वर्मा की अन्य कहानियों की तरह यह संस्मरण भी दिल को छू जाते हैं।
  • शृंखला की कड़ियाँ| Srinkhala Ki Kadiyan (Hindi): शृंखला की कड़ियाँ महादेवी वर्मा के समस्या मूलक निबंधों का संग्रह है। स्त्री-विमर्श इनमें प्रमुख हैं।
  • हिमालय | Himalaya (Hindi): हिमालय महादेवी वर्मा का संस्मरण, रेखाचित्र और निबंधों का संग्रह है।

महादेवी वर्मा द्वारा रचित सभी कविता संग्रह:

  • नीहार: नीहार महादेवी वर्मा का पहला कविता-संग्रह है। इसका प्रकाशन 1930 में हुआ।
  • रश्मि: रश्मि महादेवी वर्मा का पहला कविता-संग्रह है। इसका प्रकाशन 1932 में हुआ।
  • नीरजा | Nirja (Hindi): नीरजा महादेवी वर्मा का तीसरा कविता-संग्रह है। इसका प्रकाशन 1934 में हुआ। इसमें 1932 से 1934 तक की रचनाएँ हैं। कवयित्री सुख-दु:ख में समन्वय स्थापित करती हुई पीड़ा एवं वेदना में आनन्द की अनुभूति करती है।
  • सांध्यगीत | Sandhyageet (Hindi): सांध्यगीत महादेवी वर्मा का चौथा कविता संग्रह हैं। इसमें 1934 से 1936 ई० तक के रचित गीत हैं। 1936 में प्रकाशित इस कविता संग्रह के गीतों में नीरजा के भावों का परिपक्व रूप मिलता है। यहाँ न केवल सुख-दुख का बल्कि आँसू और वेदना, मिलन और विरह, आशा और निराशा एवं बन्धन-मुक्ति आदि का समन्वय है।
  • दीपशिखा | Deepshikha (Hindi): दीपशिखा महादेवी वर्मा जी का का पाँचवाँ कविता-संग्रह है। इसका प्रकाशन 1942 में हुआ। इसमें 1936 से 1942 ई० तक के गीत हैं।
  • सप्तपर्णा: सप्तपर्णा महादेवी वर्मा का छटा कविता-संग्रह है। इसका प्रकाशन 1959 में हुआ।
  • प्रथम आयाम: प्रथम आयाम महादेवी वर्मा का सातवाँ कविता-संग्रह है। इसका प्रकाशन 1974 में हुआ।
  • अग्निरेखा: अग्निरेखा महादेवी वर्मा का आठवाँ कविता-संग्रह है। इसका प्रकाशन 1990 में हुआ।

महादेवी वर्मा के अन्य काव्य संकलन जिन में ऊपर की रचनाओं में से ही चुने हुए गीत संकलित हैं:


महादेवी वर्मा द्वारा रचित सभी गद्य साहित्य 

  1. महादेवी वर्मा के रेखाचित्र:
    अतीत के चलचित्र : यह पुस्तक 1941 में पहली बार प्रकाशित हुई।
    स्मृति की रेखाएं : यह पुस्तक 1943 में पहली बार प्रकाशित हुई।
  2. महादेवी वर्मा के संस्मरण:
    पथ के साथी : यह पुस्तक 1956 में पहली बार प्रकाशित हुई।
    मेरा परिवार : यह पुस्तक 1972 में पहली बार प्रकाशित हुई।
    संस्मरण: यह पुस्तक 1983 में पहली बार प्रकाशित हुई।
  3. महादेवी वर्मा के कुछ चुने हुए भाषणों का संकलन:
    संभाषण: यह संकलन 1974 में पहली बार प्रकाशित हुआ।
  4. महादेवी वर्मा के निबंध:
    शृंखला की कडि़यां: यह निबंध संकलन 1942 में पहली बार प्रकाशित हुआ।
    विवेचनात्मक गद्य : यह निबंध संकलन भी 1942 में पहली बार प्रकाशित हुआ।
    साहित्यकार की आस्था तथा अन्य निबंध: यह निबंध संकलन 1962 में पहली बार प्रकाशित हुआ।
    संकल्पिता : यह निबंध संकलन 1969 में पहली बार प्रकाशित हुआ।
  5. महादेवी वर्मा के ललित निबंध:
    क्षणदा: यह ललित निबंध 1956 में पहली बार प्रकाशित हुआ।
  6. महादेवी वर्मा के संस्मरण, रेखाचित्र, निबंध संग्रह:
    हिमालय: यह पुस्तक महादेवी वर्मा के संस्मरण, रेखाचित्र और निबंधों का संग्रह है। इस पुस्तक 1963 में पहली बार प्रकाशित हुई।

महादेवी वर्मा द्वारा रचित बाल साहित्य 

ठाकुरजी भोले हैं, आज खरीदेंगे हम ज्वाला


महादेवी वर्मा की प्रमुख रचनाएँ – कहानियाँ:

आप महादेवी वर्मा की कहानियाँ storiesdilse.in पर भी पढ़ सकते हैं यहाँ:

  • एक सुंदर और भावपूर्ण कहानी मोर के प्रेम, भावनाओं और परवाह पर – नीलकंठ-मोर ,लेखक – महादेवी वर्मा
  • कितना सहना पड़ता है एक गाय को उस देश में जहाँ उन्हें पूजा भी जाता है, पढ़िये इस कहानी में – गौरा गाय, लेखक – महादेवी वर्मा
  • एक मासूम दिखने वाला ख़रगोश क्यों बन गया झगड़ालू और ग़ुस्सैल? पढ़िए इस कहानी में – दुर्मुख खरगोश ,लेखक – महादेवी वर्मा
  • कैसे एक नादान और जंगली गिलहरी का बच्चा – पालतू और जिगर का टुकड़ा बन गया लेखिका के लिए? पढ़िये इस कहानी में – गिल्लू, लेखक – महादेवी वर्मा
  • आख़िर क्यों निश्चय किया लेखिका ने फिर से हिरण न पालने का? पढ़िए इस बेहद भावपूर्ण, एक हिरणी की अटखेलियों से भरी कहानी में – सोना हिरनी, लेखक – महादेवी वर्मा
  • कहानी एक अनोखे कुत्ते की। जिसने स्नेह दिया सबको। जिस पर विश्वास किया सबने। एक कहानी ऐसे कुत्ते की जिसने निस्वार्थ भाव से बिल्ली चूहे खरगोश पक्षी आदि सब की रक्षा की। – नीलू कुत्ता, लेखक – महादेवी वर्मा
  • एक बच्ची और उसके तीन पालतू जानवर। उनके निःस्वार्थ प्रेम और प्रीति की मासूम कहानी-निक्की, रोज़ी और रानी, लेखक – महादेवी वर्मा
  • बिंदा: यह जीवन हमें कई परिस्थितियाँ दिखाता है, परंतु जीवन में यदि हम कभी परेशान होते हैं तो सबसे पहले याद आती है माँ। क्या हो अगर यह माँ ना हो? और क्या हो अगर यह माँ, माँ जैसी ना हो? महादेवी वर्मा की बहुत ही भावुक कर देने वाली यह कहानी बिंदा।
  • घीसा : महादेवी वर्मा की यह भावपूर्ण कहानी घीस एक नन्हे से विद्यार्थी पर है, जो था तो छोटा पर जिसका दिल बहुत बड़ा था।

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बेटी दिवस पर विशेष रचनाएँ | Daughter’s day special

बेटी दिवस 2020 में यह दिन 27 सितंबर, रविवार को मनाया जा रहा है। इस दिन को मनाने की एक वजह बेटियों से जुड़ी भ्रांतियों को हटाना भी है।

कई देश हैं जहां बेटी का होना शुभ नहीं माना जाता। उनके होने पर हर्षोल्लास नहीं होता। उन्हें अपना नहीं समझा जाता।

इस दिवस को मना कर हम उन भ्रांतियों के नष्ट होने की कामना करते हैं। हमारी यही आशा है कि जहां भी बेटी हो उसे उतना ही प्यार और सम्मान मिले जिसकी वो हक़दार है।

इसी दिवस पर विशेष, दिल को छू लेने वाली कुछ रचनाएँ:

  • मेरी बेटी: बेटी दिवस पर प्रकाशित प्रमिला ‘किरण’ की यह कविता एक माँ की दृष्टि से बेटी के लिए प्रेम और ममता पूर्ण भावनाओं का खूबसूरत चित्रण है।
  • हमारी बेटियाँ: यह कविता, बड़े ही सरल शब्दों में हमारे जीवन में बेटियों के महत्व को उजागर करती है।
  • बड़े घर की बेटी: आनंदी एक बड़े घर की बेटी है परंतु जहां उसका विवाह होता है वह घर उसके मायके जैसा नहीं होता। वह घर के हिसाब से अपने आप को ढाल लेती है बिना किसी शिकायत के पर एक दिन कुछ ऐसा हो जाता है कि वह सहन नहीं कर पाती। ऐसा क्या होता है और तब वह क्या करती है? जानने के लिए पढ़िए मुंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी ‘ बड़े घर की बेटी ‘ ।

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मुंशी प्रेमचंद की कहानियां हिंदी में | Munshi Premchand ki Kahaniyan hindi mein

भारत के सर्वश्रेष्ठ कहानीकारों में से एक – मुंशी प्रेमचंद जी की सुप्रसिद्ध कहानियां प्रस्तुत हैं आपके पढ़ने के लिए यहाँ। आप इन्हें हमारे youtube channel पर सुन भी सकते हैं।

मुंशी प्रेमचंद के बारे में :

मुंशी प्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई 1880 को हुआ था। उनका हिंदी साहित्य में योगदान इतना बड़ा था की उन्हें ‘उपनस्यास सम्राट’ कहा जाने लगा।

प्रेमचंद उनका उपनाम था। उनका असल नाम धनपत राय श्रिवास्तव था। उनकी रचनाओं में एक दर्जन से अधिक उपन्यास, लगभग 300 लघु कथाएँ, कई निबंध और कई विदेशी साहित्यिक कृतियों का हिंदी में अनुवाद शामिल हैं। यहाँ हम प्रस्तुत कर रहे हैं मुंशी प्रेमचंद की कहानियां जो समाज के रीति रिवाज़ और चाल चलन पर टिप्पणियां करती हैं।

मुंशी प्रेमचंद की कुछ सुप्रसिद्ध कहानियों के लिंक नीचे दिए गए हैं :-

  • कौशल : अजीब ही है पति-पत्नी का रिश्ता। इसमें हंसी भी है रुदन भी। लड़ाई भी है मिलन भी। सुख भी है दुःख भी। पर फिर भी एक दूसरे के साथ रहें तभी रिश्ता पूरा है। फिर जब पति, पत्नी की कोई तीव्र इच्छा पति पूरी नहीं करता तो पत्नी को क्या करना पड़ता है? जानिए मुंशी प्रेमचंद जी की कहानी कौशल में।
    सुनिए यह कहानी youtube पर यहाँ।
  • कफ़न : मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखी गयी ‘कफ़न’, एक छोटी कहानी है। यह कहानी २ गरीब आदमियों की ज़िंदगी के एक दिन पर आधारित है। ये २ लोग बहुत आलसी हैं और काम करना भी नहीं चाहते। यह इसीलिए कि काम करने वाले लोग भी बुरी हालत में ही होते हैं। तो ये थोड़ा बहुत खा पी कर ही खुश रहते हैं।
  • आत्माराम : महादेव को सबसे प्यारा अपना तोता आत्माराम है। परंतु एक दिन महादेव का जीवन बदल जाता है उसके आत्माराम के लिए प्रेम की वजह से ही। जानिए ऐसा क्या घटित हो जाता है एक ही दिन में – मुंशी प्रेमचंद की कहानी आत्माराम में ।
  • राष्ट्र का सेवक : राष्ट्र का सेवक, मुंशी प्रेमचंद जी की कहानी, बहुत ही सरल ढंग से एक महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाती है । यह दर्शाती है कि कभी कभी लोग जो उपदेश देते हैं उसका पालन कर पाना खुद उनके लिए कठिन होता है ।
    सुनिए यह कहानी youtube पर यहाँ।
  • आत्म-संगीत : क्या होता है जब एक बड़े देश की रानी भक्ति में लीन हो जाती है ? क्या है आत्म-संगीत ? क्या है सुख ? इन्हीं सब के इर्द-गिर्द घूमती प्रेमचंद की कहानी ‘आत्म-संगीत’ प्रस्तुत है आपके पढ़ने के लिए ।   
    सुनिए यह कहानी youtube पर यहाँ।
  • ठाकुर का कुआं : पढ़िए इस कहानी में जो बताती है की कैसे प्राचीन काल में लोग शूद्र होने पर अपने आप को समाज में कितना छोटा जान कर अपना जीवन व्यतीत करते थे और जमींदार उन पर अपना मालिकाना हक जमा कर कैसे उनका उपयोग करते थे और शूद्र लोगों में कैसे डर का माहौल पैदा कर उनका अनादर करते थे। 
  • विजय : आजादी, स्वतंत्रता सभी को भाति है। लेकिन इस आजादी का महत्व वही जनता है, जिसने गुलामी का दर्द देखा हो। ऐसा कैसे? जानने के लिए पढ़िए मुंशी प्रेमचंद की ये कहानी। आप यह कहानी youtube पर भी सुन सकते हैं यहाँ।
  • शंखनाद : गुमान यह नहीं समझता कि उसके लिए जीवन में कुछ कार्य करना ज़रूरी है । पर अचानक कुछ ऐसा होता है कि उसके लिए सब बदल जाता है। ऐसा क्या होता है ? जानने के लिए पढ़िए मुंशी प्रेमचंद की ये कहानी । 

टिप्पणी – मुंशी प्रेमचंद की यह कहानियां हम आप तक ला पाए archive.org की मदद से।


चित्र के लिए श्रेय: https://www.freepik.com/photos/book

*No copyright infringement intended.

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रक्षा बंधन पर कहानियाँ और कविताएँ | Stories and Poems on Raksha Bandhan

In Hindi and English

कहानी:

कविता:

Poem in English:

  • Mostly when we talk about Rakhi it is usually about the bond of love between sister and brother, but here the poem by Shreya Bansal focuses on the energy and happiness that comes with Rakhi and that is visible in the markets. An ode to the spirited market around Rakhi: Rakhi and the Market

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महादेवी वर्मा की रचनाएँ

कुछ भावपूर्ण कहानियाँ पशु पक्षियों पर

महादेवी वर्मा एक प्रसिद्ध हिंदी लेखिका हैं। अतः पशु पक्षियों के प्रति उनका लगाव उनकी लिखी हुई कहानियों से स्वयं ही छलकता है। यहाँ हम प्रस्तुत कर रहे हैं महादेवी वर्मा की रचनाएँ जो उनके पालतू पक्षियों के इर्द-गिर्द घूमती हैं। महादेवी वर्मा जी ने अपने पालतू पशु पक्षियों को बहुत क़रीब से देखा और उनकी भावनाओं को महसूस भी किया। ये भावनाएँ कई बार हम मनुष्यों जैसी भी होती हैं। कई बार भली और कभी कभार बुरी।मनुष्य के जटिल स्वभाव को समझ पाना अत्यंत कठिन है। पर महादेवी वर्मा ने बहुत ही सरल रूप से, अपने पशु पक्षियों के माध्यम से उसका सार्थक विश्लेषण किया है।

पढ़िए उनकी कहानियाँ storiesdilse.in पर यहाँ :-

  1. एक सुंदर और भावपूर्ण कहानी मोर के प्रेम, भावनाओं और परवाह पर – नीलकंठ-मोर ,लेखक – महादेवी वर्मा
  2. कितना सहना पड़ता है एक गाय को उस देश में जहाँ उन्हें पूजा भी जाता है, पढ़िये इस कहानी में – गौरा गाय, लेखक – महादेवी वर्मा
  3. एक मासूम दिखने वाला ख़रगोश क्यों बन गया झगड़ालू और ग़ुस्सैल? पढ़िए इस कहानी में – दुर्मुख खरगोश ,लेखक – महादेवी वर्मा
  4. कैसे एक नादान और जंगली गिलहरी का बच्चा – पालतू और जिगर का टुकड़ा बन गया लेखिका के लिए? पढ़िये इस कहानी में – गिल्लू, लेखक – महादेवी वर्मा
  5. आख़िर क्यों निश्चय किया लेखिका ने फिर से हिरण न पालने का? पढ़िए इस बेहद भावपूर्ण, एक हिरणी की अटखेलियों से भरी कहानी में – सोना हिरनी, लेखक – महादेवी वर्मा
  6. कहानी एक अनोखे कुत्ते की। जिसने स्नेह दिया सबको। जिस पर विश्वास किया सबने। एक कहानी ऐसे कुत्ते की जिसने निस्वार्थ भाव से बिल्ली चूहे खरगोश पक्षी आदि सब की रक्षा की। – नीलू कुत्ता, लेखक – महादेवी वर्मा
  7. एक बच्ची और उसके तीन पालतू जानवर। उनके निःस्वार्थ प्रेम और प्रीति की मासूम कहानी-निक्की, रोज़ी और रानी, लेखक – महादेवी वर्मा

महादेवी वर्मा की पुस्तकें आप amazon.in पर भी पढ़ सकते हैं, यहाँ:

  • मेरा परिवार | Mera Pariwar(Hindi) : यह पुस्तक एक संस्मरण-संग्रह है। इस पुस्तक में महादेवी वर्मा ने अपने पालतू पशु-पक्षियों के संस्मरण लिखे हैं। महादेवी वर्मा की अन्य कहानियों की तरह यह संस्मरण भी दिल को छू जाते हैं।
  • अतीत के चलचित्र | ateet Ke Chalchitra (Hindi) : यह पुस्तक एक रेखाचित्र-संग्रह है। इस पुस्तक की कहानियों में महादेवी वर्मा ने अपने संपर्क में आए साधारण जन की विशेषताओं के साथ-साथ उनके जीवन-संघर्ष का चित्रण किया है।
  • पथ के साथी | Path Ke Sathi (Hindi) : यह पुस्तक भी एक रेखाचित्र-संग्रह है। इस पुस्तक की कहानियों में महादेवी वर्मा ने अपने समकालीन साहित्यकारों जैसे रवीन्द्रनाथ ठाकुर, मैथिलीशरण गुप्त, सुभद्रा कुमारी चौहान, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ के स्मृति चित्र उकेरे हैं ।
  • नीलांबरा | Neelambra (Hindi Edition): यह पुस्तक महादेवी वर्मा द्वारा रचित  कविताओँ का संग्रह है।
  • यामा | Yama (Hindi): यामा एक कविता-संग्रह है जिसकी रचायिता महादेवी वर्मा जी हैं। इसमें उनके चार कविता संग्रह नीहार, नीरजा, रश्मि और सांध्यगीत संकलित किए गए हैं।
  • आत्मिका | Aatmika (Hindi Edition): यह पुस्तक महादेवी वर्मा द्वारा रचित  कविताओँ का संग्रह है।आत्मिका में संगृहीत कविताओं के बारे में स्वयं महादेवीजी ने यह स्वीकार किया है कि इसमें उनकी ऐसी रचनाएं संग्रहीत हैं जो उन की जीवन-दृष्टि, दर्शन, सौन्दर्य-बोध और काव्य-दृष्टि का परिचय दे सकेंगी।पुस्तक की भूमिका अत्यंत रोचक है जिसमें उन्होंने अपने बौद्ध भिक्षुणी बनने के विषय पर स्पष्टीकरण भी किया है।
  • स्मृति की रेखाएँ | Smriti Ki Rekhaye (Hindi): यह पुस्तक एक संस्मरण-संग्रह है। ये संस्मरण भक्तिन, चीनी फेरीवाला, जंग बहादुर, मुन्नू, ठकुरी बाबा, बिबिया, गुंगिया के जीवन के सच को कलात्मकता से कथात्मक रूप में प्रस्तुत करते है।
  • शृंखला की कड़ियाँ| Srinkhala Ki Kadiyan (Hindi): शृंखला की कड़ियाँ महादेवी वर्मा के समस्या मूलक निबंधों का संग्रह है। स्त्री-विमर्श इनमें प्रमुख हैं।
  • सांध्यगीत | Sandhyageet (Hindi): सांध्यगीत महादेवी वर्मा का चौथा कविता संग्रह हैं। इसमें 1934 से 1936 ई० तक के रचित गीत हैं। 1936 में प्रकाशित इस कविता संग्रह के गीतों में नीरजा के भावों का परिपक्व रूप मिलता है। यहाँ न केवल सुख-दुख का बल्कि आँसू और वेदना, मिलन और विरह, आशा और निराशा एवं बन्धन-मुक्ति आदि का समन्वय है।
  • हिमालय | Himalaya (Hindi): हिमालय महादेवी वर्मा का संस्मरण, रेखाचित्र और निबंधों का संग्रह है।
  • दीपशिखा | Deepshikha (Hindi): दीपशिखा महादेवी वर्मा जी का का पाँचवाँ कविता-संग्रह है। इसका प्रकाशन १९४२ में हुआ। इसमें १९३६ से १९४२ ई० तक के गीत हैं।
  • नीरजा | Nirja (Hindi): नीरजा महादेवी वर्मा का तीसरा कविता-संग्रह है। इसका प्रकाशन १९३४ में हुआ। इसमें १९३१ से १९३४ तक की रचनाएँ हैं। नीरजा में रश्मि का चिन्तन और दर्शन अधिक स्पष्ट और प्रौढ़ होता है। कवयित्री सुख-दु:ख में समन्वय स्थापित करती हुई पीड़ा एवं वेदना में आनन्द की अनुभूति करती है।

टिप्पणी – महादेवी वर्मा की ये रचनाएँ हम आप तक ला पाए archive.org की मदद से। कुछ लिंक अफ़िलीयट लिंक हो सकती हैं।


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7 heart touching stories of animals in Hindi

Written by Mahadevi Verma

Mahadevi Verma was a renowned Hindi Writer. She had great love and compassion for birds and animals. In her lifetime, she had many birds and animals as pets. She portrayed that love beautifully via her short stories. She has written some really heart-touching and sometimes heart-breaking short stories about animals in Hindi.

In this post, we are sharing these short stories in Hindi written by Mahadevi Verma.

Below are the links to the same:

  1. Read about the depth of a peacock’s emotions in this unique short story – Neelkanth – Mor
  2. India worships cows as deities then why does the same cow has to suffer too? Read on to know – Gaura Gaay
  3. A short story about a rabbit that had become bitter – Durmukh Khargosh
  4. How a wild baby squirrel grew into a loving and caring pet – Gillu
  5. Read about the innocent love, care, and playfulness of a pet deer – Sona Hirni
  6. A unique short story in Hindi about a pet dog with complex human-like emotions – Neelu Kutta
  7. A short story in Hindi that revolves around the love, carelessness, naughtiness of an innocent child and her three pets – Nikki, Roji aur Rani

Do read them and let us know your thoughts. Were these stories able to move you as much as they moved us?

Note – We were able to get you these lovable stories written by Mahadevi Verma via archive.org .

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