डॉ. भावना शर्मा | Dr. Bhavna Sharma

उन्हीं के शब्दों में उनका परिचय – “मैं भावना अपने बाबू की बेटी थोड़ी पागल थोड़ी जिद्दी , चाहती हूँ माँ जैसी बनना थोड़ी भक्ति थोड़ी शक्ति ।”

पढ़िए उनकी कविताएँ यहाँ:

  • हमारी बेटियाँ : बेटी दिवस पर यह कविता, बड़े ही सरल शब्दों में हमारे जीवन में बेटियों के महत्व को उजागर करती है।
  • मन : यह कविता जीवन में मन की विभिन्न अटखेलियों का सुंदरता से वर्णन करती है। यह हिंदी कविता लिखी है डॉ भावना शर्मा ने।
  • गुरु-शिक्षक : शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में लिखी हुई यह कविता गुरु के गुणों का वर्णन करती है।
  • मुझे याद आते हैं वो गर्मी के दिन : हम सब के लिए सब से क़ीमती होते हैं बचपन के वो मासूम दिन। इस कविता में कवयित्री अपने बचपन में बिताए गर्मी के दिनों को याद करती हैं।
  • गणेश-जी : गणेश जी पर विशेष कविता ।
  • गं-गणपते-नमः गणेश जी की वंदना करती कविता ।
  • गुरु की कृपा: कवयित्री ने यह कविता गुरु के लिए लिखी है।

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