संक्षिप्त परिचय: ज़ुबैर खाँन जी की यह कविता है हमसफ़र पर। हमसफ़र के साथ ही राह पर चलते रहने के लिए दुआ माँगती है यह सुंदर कविता।
ऐ हमसफ़र ऐ हमसफ़र ऐ हमसफ़र ऐ हमसफ़र
साथ रहना साथ देना जब तक रहे तू मेरे संग उम्र भर
जी ले तू मेरी जिदंगी भी और लग जाये तुझे भी मेरी उमर
ले लूँ ऐसे सर से बालाएँ, न हो तुझे किसी की ख़बर,
आने न दूँ पास किसी को, ऐसे उतारू मैं तेरी नज़र
वादा तुम मुझसे ऐसा करो, मर कर भी न हो तुझसे जुदा
बाँध कर धागा तुम क़समों का कभी टूटने न देना मेरी जाने-जिगर
कुछ ऐसे सिलसिले हैं मेरी जिंदगी के, मैं तुझे बता सकता नहीं
गुज़रते हुए कहीं ख़्वाब मिलते हैं मगर मैं जाता नहीं इधर-उधर
हो जाये अगर लफ्ज़ मुकम्मल तो बंद
कर देना दिल की किताबें तुम
तुम जहाँ भी रहोगी मैं साथ चलूँगा, मैं बनके तुम्हारा हमसफ़र
थोड़ी सी बाकी इस जिदंगी को जी लूँ मैं इस क़दर,
खूबसूरत लगे मुझे कज़ा भी न हो “ज़ुबैर” मुझे कोई भी डर,
ऐ हमसफ़र ऐ हमसफ़र ऐ हमसफ़र ऐ हमसफ़र
लेखक – ज़ुबैर खाँन……..📝
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इस हिंदी कविता ‘विदाई’ के लेखक ‘जुबैर खाँन’ जी के बारे में जानने के लिए पढ़ें यहाँ ।
पढ़िए ज़ुबैर खाँन द्वारा लिखी गयी कविताएँ यहाँ:
- शिकायतें | हिन्दी में कविता : बाबा से कुछ शिकायतें कर रहे हैं कवि इस हिन्दी कविता में। पढ़िए यह कविता और जानिए क्या हैं ये शिकायतें ।
- तन्हाई का सफर | कविता : तन्हाई – किसे पसंद है? कई जज़्बातों से जुड़ जाती है तन्हाई । ऐसे ही कुछ जज़्बातों को बयाँ करती हैं ज़ुबैर खाँन की यह कविता ।
- विदाई: एक लड़की जो अब तक अपने बाबुल के घर रही, वह शादी करती है, तो उसे दुल्हन बन कर विदा होना पड़ता है। वह विदाई का पल सब के लिए एक बहुत ही भावपूर्ण पल होता है। इसी विदाई पर है ज़ुबैर खाँन की यह कविता ।
- ये कैसे हैं रिश्ते: यह एक रिश्तों पर कविता है जिसे लिखा है कवि ‘जुबैर खाँन’ ने । अपनी इस कविता में कवि रिश्तों की विचित्रता का वर्णन कर रहे हैं।
पढ़िए हमसफ़र पर प्रेम कविताएँ :-
- हमसफ़र: जब एक स्त्री अपने जीवनसाथी को देखती है तो उसके मन में ज़रूर कुछ सवाल उठते होंगे, जिन्हें वो कभी पूछ पाती होगी कभी नहीं। उन्हीं प्रश्नों को अपनी कविता में ख़ूबसूरती से उकेरा है आरती वत्स ने।
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- प्रेम: दुनिया में मनुष्य ने चाहें बहुत कुछ हासिल कर लिया हो और आज उसे कई चीजों की ज़रूरत ना महसूस होती हो। पर प्रेम एक ऐसी भावना है जिसे हर मनुष्य महसूस करना चाहता है। ऐसे ही प्रेम पर आरती वत्स की यह अद्भुत कविता ।
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Photo by Kelly Sikkema
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