सुखमय सारा संसार हो | नवरात्रि पर कविता

उषा रानी जी की कविता | A Hindi Poem by Usha Rani

सुखमय सारा संसार हो |नवरात्रि पर कविता | उषा रानी जी की कविता

संक्षिप्त परिचय : नवरात्रि के अवसर पर बहुत ही पावन, बिलकुल नि:स्वार्थ – यह कविता नहीं, एक प्रार्थना है। चलिए आप और मैं, हम सब मिल कर आज माँ से यही प्रार्थना करें।

माँ कल्याणी, माँ भवानी,
आओ घर मेरे, कृपा बरसाओ ।
दूर करो सब कष्ट हमारे,
बुराइयों का नाश करो माँ ।
नारी जीवन को सुरक्षित करो,
अत्याचारियों का नाश करो,
कन्याओं को दुराचारियों से
बचाओ माँ, रक्षा करो माँ ।
नौ दिन ही नहीं, हर दिन
तेरी पूजा- अर्चना करें माँ,
सबको सद्बुद्धि सदाचार दो,
धरती का हाहाकार मिटा दो,
सुख-शांति का संचार हो ।
भक्ति का फल बस इतना दो,
कोई दुखी ना लाचार हो माँ,
सुखमय सारा संसार हो माँ ।
सुखमय सारा जहाँ हो माँ ।।

स्वरचित कविता
उषा रानी पुंगलिया जोधपुर
राजस्थान


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कविता की लेखिका उषा रानी के बारे में जानने के लिए पढ़ें यहाँ 


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पढ़िए नवरात्रि के पावन अबसर पर ऐसी और कविताएँ यहाँ :-

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  • गुरु की कृपा: कवयित्री ने यह कविता गुरु के लिए लिखी है।
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  • शिव शक्ति : आरती वत्स की यह कविता देवी शक्ति के बारे में है। इस कविता में वे देवी शक्ति के विभिन्न गुणों और विशेषताओं का सुंदरता से वर्णन करती है।

अगर आप भी कहानियाँ या कविताएँ लिखते हैं और बतौर लेखक आगे बढ़ना चाहते हैं तो हमसे ज़रूर सम्पर्क करें storiesdilse@gmail.com पर। आप हमें अपनी रचनाएँ यहाँ भी भेज सकते हैं: https://storiesdilse.in/submit-your-stories-poems/


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