औरत | हिंदी कविता

आरती वत्स की रचना | Written by Aarti Vats

औरत आरती वत्स की कविता

संक्षिप्त परिचय: समाज में औरत होने का क्या मतलब है? क्यूँ एक औरत के इतने सपने अधूरे रह जाते हैं? पढ़िए दिल को छू लेने वाली यह कविता जिसे लिखा है आरती वत्स जी ने।

बड़े मासूम से अन्दाज़ में
वो कहती है,
जब भी मिलती है
अधूरी कहानियों के साथ मिलती है ।
उसकी आँख़ों की कशिश न जाने
कितने अधूरे सपने ढोती है ।
लबों पर मिथ्या-सी हँसी
और अब्बसारों में एक ख़लिश-सी दिखती है ।
पूछता हूँ जब-जब मैं उससे
उसके अधूरे सपनों की दास्ताँ
तो बड़ा भयावह-सा उत्तर
मंद मुस्कान के साथ देती है
हाँ, वो हर सवाल का जवाब
एक लड़की होना बताती है ।।

कहती है
वो मंजर ,वो सपने
कभी हक़ीकत का रुख़ ना कर पाए ।
जब भी अपने अधिकारों की बात आए
तो हम बाग़ी ही कहलाये ।
इज्जत और सम्मान का चोला
हम सदियों से पहनते आयें ।
खुद को खोकर
हर रिश्तों को हम ही निभाते आयें ।
कभी बेटी ,कभी बहन तो
कभी माँ और पत्नी बनकर
न जाने क्यूँ
फ़र्ज़ों के नीचे हम दबते आयें ।।

वो अंत में कहती है,
ये छवि खुदा ने बहुत मज़बूत बनाई है ।
और समाज की तो छोड़िए
मेरे अपनों ने भी कहाँ
मुझे कोई मेरे
हक़ की पारी दिलायी है !
ख़ैर, ये औरत बनना भी तो कितना भारी है !
कभी अपनों के लिए तो कभी समाज के लिए,
ये औरत जात ही तो संघर्ष करती आयी है।।

-आरती वत्स
(मिस हरियाणा)


कैसी लगी आपको औरत पर यह कविता ? कॉमेंट कर के ज़रूर बताएँ और लेखिका को भी प्रोत्साहित करें।
कविता की लेखिका आरती वत्स के बारे में जानने के लिए पढ़ें यहाँ 


पढ़िए उनकी और कविताएँ यहाँ:-

  • डूबता चला जाता हूँ: जब एक प्रेमी अपनी प्रेमिका के लिए कविता लिखेगा तो उसमें क्या लिखेगा? शायद वो प्रेम की कविता आरती वत्स की यह कविता ‘डूबता चला जाता हूँ’ के जैसी ही होगी।
  • हमसफ़र: जब एक स्त्री अपने जीवनसाथी को देखती है तो उसके मन में ज़रूर कुछ सवाल उठते होंगे, जिन्हें वो कभी पूछ पाती होगी कभी नहीं। उन्हीं प्रश्नों को अपनी कविता में ख़ूबसूरती से उकेरा है कवयित्री आरती वत्स ने।
  • बदल गई हूँ मैं: आरती वत्स की यह कविता लिखी गयी है महिला के दृष्टिकोण से समाज के लिए। एक महिला पर पुरुष-प्रधान समाज की सोच क्या असर डाल सकती है, यह कविता आपको बताएगी।
  • देवी शक्ति: यह कविता देवी शक्ति और आज की नारी शक्ति के अनेक रूपों का बहुत ही सुंदरता से वर्णन करती है। साथ ही आज के समाज को एक आईना भी दिखाती है।
  • शिव शक्ति : आरती वत्स की यह कविता देवी शक्ति के बारे में है। इस कविता में वे देवी शक्ति के विभिन्न गुणों और विशेषताओं का सुंदरता से वर्णन करती है।
  • अधूरी कहानी: आरती वत्स इस कविता में उस साथ की बात कर रही हैं जो कुछ लम्हों का ही था। वे उस राह की बात कर रही हैं जो आगे जा कर दो रास्तों में बँट जानी थी।

पढ़िए देवी शक्ति और नारी शक्ति पर अन्य कविताएँ:

  • अब तो कुछ करना होगा:  यह कविता ‘अब तो कुछ करना होगा’ नारी पर हो रहे अत्याचारों पर आवाज़ उठाती हुई, नारी को सशक्तिकरण की माँग करती हुई कविता है।
  • हाँ मैं बदल गई हूँ: आज के समाज में जहां एक तरफ़ स्त्री को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी जाती है वहीं समाज का एक हिस्सा उसे वांछित सम्मान दे पाने में भी असक्षम है। यह कविता एक स्त्री के हृदय की आवाज़ है उसी समाज के लिए।
  • घटस्थापना का पावन दिन: कवि उपकार सारांश की यह कविता माँ दुर्गा पर है। यह कविता माता दुर्गा और उनके अनेक रूपों का गुणगान करती है।
  • शिव शक्ति: कवियत्री आरती वत्स की यह कविता देवी शक्ति के बारे में है। इस कविता में वे देवी शक्ति के विभिन्न गुणों और विशेषताओं का सुंदरता से वर्णन करती है।
  • खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी: यह कविता लिखी है सुभद्रा कुमारी चौहान ने। यह एक सुप्रसिद्ध कविता झाँसी की रानी लक्ष्मी बाई पर।

नारी पर ही कुछ कहानियाँ:

  • भग्नावशेष: यह कहानी सुभद्रा कुमारी चौहान के कहानी संग्रह ‘बिखरे मोती’ की एक कहानी है। क्यों एक प्रतिभा से भरी युवती, दस साल बाद बस एक भग्नावशेष प्रतीत हुई लेखक को? जानने के लिए पढ़िए ये कहानी।
  • बड़े घर की बेटी : आनंदी एक बड़े घर की बेटी है परंतु जहां उसका विवाह होता है वह घर उसके मायके जैसा नहीं होता। वह घर के हिसाब से अपने आप को ढाल लेती है बिना किसी शिकायत के पर एक दिन कुछ ऐसा हो जाता है कि वह सहन नहीं कर पाती। ऐसा क्या होता है और तब वह क्या करती है? जानने के लिए पढ़िए मुंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी ‘ बड़े घर की बेटी ‘।
  • लिली: लिली एक लघु प्रेम कथा है उस समय पर आधारित जब अंतर्जातिय विवाह नहीं हुआ करते थे। खूब पढ़ लेने के बावजूद भी पद्मा के पिता की सोच जातिवाद तक ही सीमित रहती है । उनकी जातिवादी सोच और पद्मा की आधुनिक सोच उन दोनों से क्या करवाती है – जानने के लिए पढ़िए पूरी कहानी – लिली, जिसके लेखक हैं सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ जी ।

अगर आप भी कहानियाँ या कविताएँ लिखते हैं और बतौर लेखक आगे बढ़ना चाहते हैं तो हमसे ज़रूर सम्पर्क करें storiesdilse@gmail.com पर। आप हमें अपनी रचनाएँ यहाँ भी भेज सकते हैं: https://storiesdilse.in/submit-your-stories-poems/


PC: Photo by Thanos Pal

 571 total views

Share on:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *