संक्षिप्त परिचय: वसंत ऋतु का आना एक उत्सव है, इस समय ऐसा लगता है जैसे पूरी प्रकृति को फिर से नवजीवन मिला हो। और इसी वसंत ऋतु पर है कवयित्री उषा रानी की यह मनभावन कविता ।
बसंती ऋतु मनभावन आई,
चारों ओर खुशियाँ महकाई ।
बागों में फुलवारी इठलाती,
खेतों में सरसों खिलखिलाती,
मधुर कंठी कोयल गुनगुनाती,
हर दिल में वंशी धुन बजाई ।
बसंती ऋतु मनभावन आई,
चारों ओर खुशियाँ छाई ।
नव उमंग से नाचे गाये,
प्रेमियों के दिल धड़काये,
हरियाली धरती को पूजाये,
मधुर मधुर चली पुरवाई ।
बसंती ऋतु मनभावन आई,
चारों ओर खुशियाँ छाई ।
माँ सरस्वती की प्रेरणा से,
वीणावादिनी हंसवाहिनी के,
आशीर्वाद से ज्ञान की जगमग, ज्योति जगमगाई ,
बसंती ऋतु मनभावन आई,
चारों ओर खुशियाँ छाई ।
स्वरचित कविता
उषारानी पुंगलिया जोधपुर राजस्थान.
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कविता की लेखिका उषा रानी के बारे में जानने के लिए पढ़ें यहाँ ।
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Photo by Mahamudul Hasan
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